Biodata Maker

Govardhan puja 2025: अन्नकूट और गोवर्धन पूजा कब है, जानिए पूजन के शुभ मुहूर्त और कथा

WD Feature Desk
मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 (15:52 IST)
Annakut mahotsav 2025: दीपावली के दूसरे दिन 'अन्नकूट' मनाया जाता है। यानी कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि के दिन अन्नकूट महोत्सव और गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। अन्नकूट का अर्थ है -'अन्न का ढेर'। आज ही के दिन योगेश्वर भगवान कृष्ण ने इन्द्र का मान-मर्दन करते हुए अपने वाम हस्त की कनिष्ठा अंगुली के नख पर गोवर्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इसी की याद में यह महोत्सव मनाते हैं। जानिए पूजन के शुभ मुहूर्त और कथा।
 
22 अक्टूबर 2025 गोवर्धन एवं अन्नकूट पूजा के शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:54 बजे से प्रारंभ।
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 22 अक्टूबर 2025 को रात्रि 08:16 बजे समाप्त।
नोट: उदयातिथि के अनुसार 22 अक्टूबर 2025 को होगी गोवर्धन एवं अन्नकूट पूजा।
 
।।गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त।। 
सुबह 06:26 से 08:42 के बीच।
 
।।गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त।। 
अपराह्न 03:29 से शाम 05:44 के बीच।
 
।।गोवर्धन पूजा गोधूली मुहूर्त।।
शाम को 05:44 से 06:10 के बीच।
 
अन्नकूट और गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा: द्वापर में अन्नकूट के दिन इंद्र की पूजा करके उनको छप्पन भोग अर्पित किए जाते थे लेकिन ब्रजवासियों ने श्रीकृष्ण के कहने पर उस प्रथा को बंद करके इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे और गोवर्धन को ही छप्पन भोग लगाने लगे। श्रीकृष्‍ण का कहना था कि जो पर्वत, खेत और गाय हमारा जीवन चला रहे हैं उनका हमें आदर करना और पूजा करना चाहिए।... बाद में गोवर्धन के रूप में भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग लगाने का प्रचलन हुआ।
ALSO READ: Diwali 2025 kab hai: दिवाली 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर, कब करें लक्ष्मी पूजा?
भगवान श्रीकृष्‍ण के कहने पर सभी ने इंद्र उत्सव मनाना छोड़ दिया। यह देखकर एक बार इंद्रदेव ने कूपित होकर ब्रजमंडल में मूसलधार वर्षा की। इस वर्षा से ब्रजवासियों को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने 7 दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर इन्द्र का मान-मर्दन किया किया था। 
 
उस पर्वत के नीचे 7 दिन तक सभी ग्रामिणों के साथ ही गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। फिर ब्रह्माजी ने इन्द्र को बताया कि पृथ्वी पर श्री हरि विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म ले लिया है, उनसे बैर लेना उचित नहीं है। यह जानकर इन्द्रदेव ने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा-याचना की। भगवान श्रीकृष्ण ने 7वें दिन गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव 'अन्नकूट' के नाम से भी मनाया जाने लगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Karwa chauth 2025 date: करवा चौथ कब है वर्ष 2025 में?

Narak chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी कब है 19 या 20 अक्टूबर 2025, रूप चौदस का स्नान कब होगा?

Weekly Horoscope October 2025: सितारे आपके द्वार! अक्टूबर का नया सप्ताह, जानें किस्मत, करियर और प्रेम का हाल

India Pakistan War: क्या सच में मिट जाएगा पाकिस्तान का वजूद, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र?

धन बढ़ाने के 5 प्राचीन रहस्य, सनातन धर्म में है इसका उल्लेख

सभी देखें

धर्म संसार

Karwa Chauth Food 2025: करवा चौथ पर खाने में क्या-क्या बनता है? ट्राई करें ये 5 स्पेशल रेसिपी आइडियाज

Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी पूजा कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजन विधि और कथा

Bhai dooj 2025: वर्ष 2025 में कब है भाई दूज? तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त क्या है?

Govardhan puja 2025: अन्नकूट और गोवर्धन पूजा कब है, जानिए पूजन के शुभ मुहूर्त और कथा

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ से ठीक पहले शुक्र का कन्या राशि में गोचर, 9 अक्टूबर से इन 3 राशियों की बदलेगी किस्मत

अगला लेख