देवी लक्ष्मी के अवतार पद्मावती को समर्पित है आंध्र प्रदेश का श्रीपद्मावती देवी मंदिर, जानिए क्या है खासियत?

WD Feature Desk
शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024 (11:51 IST)
Padmavathi Temple
 
Padmavathi Devi Temple : धनतेरस का पर्व पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर माता लक्ष्मी की पूजा के साथ। आंध्र प्रदेश के तिरुपति के पास स्थित श्रीपद्मावती देवी मंदिर को देवी लक्ष्मी का एक विशेष रूप माना जाता है, और धनतेरस के अवसर पर इस मंदिर में दर्शन का खास महत्व है। आइए जानते हैं, इस पवित्र मंदिर की क्या खासियत है और यहाँ क्यों हजारों भक्त देवी के आशीर्वाद के लिए आते हैं।

श्रीपद्मावती देवी मंदिर का परिचय
श्रीपद्मावती देवी मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति से करीब 5 किलोमीटर दूर तिरुचुनूर में स्थित है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी के अवतार पद्मावती को समर्पित है, जिन्हें भक्त मां लक्ष्मी का पूर्ण रूप मानते हैं। पद्मावती देवी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से दक्षिण भारत में बहुत प्रसिद्ध है और सालभर भक्तों से भरा रहता है।

मंदिर का इतिहास और पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पद्मावती देवी का जन्म पद्म सरोवर नामक पवित्र झील से हुआ था। इस मंदिर का निर्माण उसी जगह पर किया गया है। मान्यता है कि विष्णु भगवान, जिन्हें तिरुपति बालाजी के रूप में पूजा जाता है, ने पद्मावती देवी से विवाह किया था। यह विवाह आज भी मंदिर में धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ याद किया जाता है, और इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर श्रीपद्मावती देवी मंदिर की पूजा का महत्व
धनतेरस पर विशेष रूप से श्रीपद्मावती देवी की पूजा का महत्व बढ़ जाता है क्योंकि देवी को समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। यह मान्यता है कि धनतेरस पर यहां पूजा करने से भक्तों को सालभर के लिए आर्थिक समृद्धि और खुशहाली प्राप्त होती है। मंदिर में धनतेरस के दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान का आयोजन होता है, जिसमें देवी को सोने-चांदी के आभूषण और वस्त्र अर्पित किए जाते हैं।
ALSO READ: दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर कहलाता है श्रीपुरम महालक्ष्मी स्वर्ण मंदिर, जानिए इस मंदिर की क्या है विशेषता
 
धनतेरस पर श्रीपद्मावती देवी के दर्शन का महत्व:
धन-धान्य की प्राप्ति: मान्यता है कि इस दिन देवी के दर्शन से भक्तों को धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
सौभाग्य और समृद्धि: देवी पद्मावती को लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, जो सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
विशेष पूजा अनुष्ठान: धनतेरस पर यहां विशेष पूजाएं होती हैं, जिसमें देवी को चांदी और सोने के आभूषणों से सजाया जाता है।

तिरुपति बालाजी और पद्मावती देवी का संबंध
तिरुपति बालाजी और श्रीपद्मावती देवी का संबंध बहुत गहरा है। भक्त पहले तिरुपति बालाजी के दर्शन करते हैं और फिर पद्मावती देवी के मंदिर आकर पूजा-अर्चना करते हैं। यह प्रथा बताती है कि विष्णु और लक्ष्मी की पूजा साथ में करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। इसलिए धनतेरस पर इस मंदिर की यात्रा एक शुभ और पवित्र मानी जाती है।

कैसे पहुंचें श्रीपद्मावती देवी मंदिर?
तिरुचुनूर पहुंचने के लिए तिरुपति से ऑटो रिक्शा या टैक्सी ली जा सकती है। तिरुपति रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा दोनों मंदिर के करीब हैं, जिससे यहाँ तक पहुँचना आसान होता है। धनतेरस के दौरान मंदिर में बहुत भीड़ रहती है, इसलिए पहले से यात्रा की योजना बनाना उचित रहता है।


सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी की 3 पौराणिक कथाएं

Tulsi Vivah vidhi: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

Tulsi vivah Muhurt: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त क्या है, जानें विधि और मंत्र

सभी देखें

धर्म संसार

ज्योतिष की नजर में क्यों हैं 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Akshaya Navami 2024: आंवला नवमी पर इस कथा को पढ़ने या सुनने से मिलता है अक्षय फल

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

अगला लेख