दिवाली स्पेशल : खुशबूदार कैंडल्स सजाएं, घर महकाएं

Webdunia
दीपावली यूं तो दीपों का पर्व है, और दीयों के बिना तो दिवाली मनाए जाने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन अब कुछ नए विकल्प भी मौजूद हैं, जिन्हें आप खुशी के साथ अपनाना चाहेंगे। खुशबूदार रंबिरंगी कैंडल्स भी इन्हीं में से एक हैं।


रोशनी के इस पर्व को खास तरीके से मनाने और यादगार बनाने के लिए लोग कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। यही वजह है कि अन्य चीजों के साथ ही घर को रोशन करने के लिए महंगी और खुशबूदार कैंडल्स की मांग भी बढ़ने लगी है। 
 
हालांकि बीते कुछ सालों से हम पारंपरिक कैंडल्स से घरों को सजाते आए हैं, लेकिन बाजार में होने वाले नित नए प्रयोगों ने आज हमें कई विकल्प उपलब्ध करवा दिए हैं। अब साधारण सी दिखने वाली रेग्युलर कलर्स कैंडल्स की बजाए बाजार में ऐसी कैंडल्स आ गईं हैं जो घर को रोशन तो करेंगी ही, कोने-कोने में खुशबू भी बिखरेंगी।इन कैंडल्स को घर में तो सजा ही सकते हैं, साथ ही खुबसूरत पॉट में फूलों की पुखुड़ियों के साथ पानी में तैराते हुए, स्वागत द्वार भी सजा सकते हैं। 
 
दीपावली के इस फेस्टिवल सीजन में बाजार ऐसे आइटम्स से पटा पड़ा है। बाजार पर नजर डालें तो फ्लोटिंग कैंडल, जेल, डिप, चंक्स, फ्रेगरेंस से भरपूर कैंडल, फ्लेवर वाली कैंडल्स की काफी डिमांड है। किनारियों से सजी-संवरी कैंडल्स पिलर, वोटिव्स और फ्लोटर्स आदि शेप में 100 रुपए से लेकर 1000  रुपए तक में मिल रही है। इसमें कुछ ऐसे भी कैंडल्स हैं जो लगभग 80 घंटे तक जलती हैं। वैसे मध्यमवर्ग के लिए 200 रुपए की रेंज तक अच्छी कैंडल्स बाजार में उपलब्ध हैं। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

4 भयंकर योग के चलते 5 राशियों को रहना होगा इस साल संभलकर

बढ़ता ही जा रहा है गर्मी का तांडव, क्या सच होने वाली है विष्णु पुराण की भविष्यवाणी

भविष्यवाणी: ईरान में होगा तख्तापलट, कट्टरपंथी खामेनेई की ताकत का होगा अंत!

ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा कहां से निकलकर कहां तक जाती है?

जब मेहर बाबा ने पहले ही दे दिया था विमान दुर्घटना का संकेत, जानिए क्या था वो चमत्कार?

सभी देखें

धर्म संसार

16 जून से लग गया है पंचक, जानें कैसे करें शुभ कार्य और किन कार्यों को करने से बचें?

खतरनाक साल बना 2025, 6 महीने में 6 हादसों से दहला देश

गुरु पूर्णिमा से मध्यप्रदेश के 'नर्मदापुरम्' में प्रारंभ होगा 84 दिवसीय जनकल्याणार्थ महायज्ञ

आषाढ़ कृष्ण अष्टमी को क्यों मनाते हैं शीतलाष्टमी, जानें इस दिन बसौरा मनाने का महत्व

कब से शुरू होगी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि, क्या है इसकी पूजा का मुहूर्त

अगला लेख