दिवाली पर माता लक्ष्मी को लगाएं ये भोग...

Webdunia
दिवाली के दिन, शरद पूर्णिमा के दिन और शुक्रवार को आप माता लक्ष्मी को यदि ये भोग लगाएंगे तो उनकी कृपा सदा आप पर बनी रहेगी। लेकिन ध्यान रहे कि माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना सदा भगवान विष्णुजी के साथ ही करना चाहिए। 
 
लक्ष्मी भोग : लक्ष्मीजी को धन की देवी माना गया है। कहते हैं कि अर्थ बिना सब व्यर्थ है। लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग को लक्ष्मी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए।
 
लक्ष्मीजी को मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात आदि पसंद हैं। कम से कम 11 शुक्रवार को जो कोई भी व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं रहती।

पूजन के दौरान 16 प्रकार की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू चढ़ाएं जाते हैं। आह्वान में पुलहरा चढ़ाया जाता है। इसके बाद चावल, बादाम, पिस्ता, छुआरा, हल्दी, सुपारी, गेंहूं, नारियल अर्पित करते हैं। केवड़े के फूल और आम्रबेल का भोग अर्पित करते हैं।
विष्णु भोग : विष्णुजी को खीर या सूजी के हलवे का नैवेद्य बहुत पसंद है। खीर कई प्रकार से बनाई जाती है। खीर में किशमिश, बारीक कतरे हुए बादाम, बहुत थोड़ी-सी नारियल की कतरन, काजू, पिस्ता, चारौली, थोड़े से पिसे हुए मखाने, सुगंध के लिए एक इलायची, कुछ केसर और अंत में तुलसी जरूर डालें। उसे उत्तम प्रकार से बनाएं और फिर विष्णुजी को भोग लगाने के बाद वितरित करें।
 
भारतीय समाज में हलवे का बहुत महत्व है। कई तरह के हलवे बनते हैं लेकिन सूजी का हलवा विष्णुजी को बहुत प्रिय है। सूजी के हलवे में भी लगभग सभी तरह के सूखे मेवे मिलाकर उसे भी उत्तम प्रकार से बनाएं और भगवान को भोग लगाएं। प्रति रविवार, गुरुवार या शुक्रवा को विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में जाकर विष्णुजी को उक्त उत्तम प्रकार का भोग लगाने से दोनों प्रसन्न होते हैं और उसके घर में किसी भी प्रकार से धन और समृद्धि की कमी नहीं होती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हरतालिका तीज के दिन शिव पार्वती पूजा के लिए अष्ट प्रहर मुहूर्त का समय

ऋषि पंचमी कब है, क्या करते हैं इस दिन, पूजा का शुभ मुहूर्त और मंत्र

इस बार गणेश चतुर्थी बुधवार को, कई शुभ योग में स्थापित होंगे गणपति, जानें विसर्जन का मुहूर्त

कब से होंगे गणेश उत्सव प्रारंभ, क्या है गणपति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त, मंगल प्रवेश

सितंबर माह 2025 में कब कब है एकादशी?

सभी देखें

धर्म संसार

21 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

21 अगस्त 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

पिठोरी अमावस्या पर कर लें कालसर्प दोष दूर करने के 4 अचूक उपाय

पोला पर्व क्या और क्यों मनाया जाता है, जानें रोचक जानकारी और खास बातें

पर्युषण महापर्व 2025: जानें धार्मिक महत्व और जैन धर्म के 5 मूल सिद्धांत

अगला लेख