सावधान, दीपावली पर मिठाई हो सकती है जानलेवा...

Webdunia
त्योहार पर मिठाईयों के जरिए खुशियों को बांटा जाता है। मुंह मीठा किए बिना तो त्योहार ही अधूरा सा लगता है। लेकिन अगर आप इस दीपावली बाजार से मिठाई खरीदने वाले हैं, तो हो जाइए सावधान, क्योंकि यह मिठाई ले सकती है आपकी जान। जी हां, इसे पढ़ने के बाद आपको यकीन हो जाएगा ... 

दीपावली और अन्य त्योहारों के समय मिठाईयों की मांग बहुत होती है। इसी का फायदा उठाकर मिलावटखोर, मावे व मिठाईयों में मिलावट करके उसकी मात्रा तो बढ़ा देते हैं, लेकिन उसकी गुणवत्ता पूरी तरह से खत्म हो जाती है। इसका नतीजा कई बार लोगों के बीमार होने, उल्टी, दस्त, घबराहट मौत के रूप में भी सामने आता है। 
 
दरअसल मिठाईयां बनाने के लिए दूध, मावे और घी की आवश्यकता होती है, जिसकी मांग सबसे ज्यादा होती है। लेकिन खपत बढ़ाने के लिए मिलावटखोर इन उत्पादों को सोडा, डिटरजेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया और चरबी के प्रयोग से तैयार करके बाजार में बेचते हैं, जिसके दुष्परिणाम मनुष्य की स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में सामने आते हैं।
 
त्योहार के समय यह मिलावट चरम पर होती है, क्योंकि दूध, मावे की मांग काफी होती है और इससे व्यापारियों को मुनाफा होता है। यही कारण है कि मिलावटखोरों द्वारा सिंथेटिक दूध, मावा और अन्य सामान धड़ल्ले से तैयार किया जाता है। इसमें प्रयोग की जाने वाली चीजें इतनी घातक होती हैं, कि कल्पना भी नहीं की जा सकती।
 
मिलावटी मिठाईयों को सस्ते और हानिकारक रंगों का इस्तेमाल कर, बाजार में इतना सजाकर और आकर्षक बनाकर बेचा जाता है, कि उसके नकारात्मक परिणामों को जाने बिना आप उसे खरीदकर घर ले आते हैं, और बच्चे व परिवार के सभी लोग उसे स्वाद से खाते भी हैं। लेकिन इसके परिणाम आपके और परिवार के लिए बेहद घातक साबित हो सकते हैं। 
Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख