गोवर्धन पूजा कैसे करें?

Webdunia
मंगलवार, 21 अक्टूबर 2014 (13:11 IST)
ब्रह्म मुहूर्त (लगभग प्रात: 5 बजे) उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त हो शरीर पर तेल मलकर स्नान करें।

स्वच्छ वस्त्र धारण कर अपने इष्ट का ध्यान करें। पश्चात अपने निवास स्थान अथवा देवस्थान के मुख्‍य द्वार के सामने प्रात: गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं। फिर उसे वृक्ष, वृक्ष की शाखा एवं पुष्प इत्यादि से श्रृंगारित करें। इसके गोवर्धन पर्वत का अक्षत, पुष्प आदि से विधिवत पूजन करें। 
 

पूजन करते समय निम्न प्रार्थना करें-
 
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक/
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव//
 
इसके पश्चात दीपावली की रात्रि को निमंत्रित की हुई गायों को स्नान कराएं। फिर गायों को विभिन्न अलंकारों, मेहंदी आदि से श्रृंगारित करें। पश्चात उनका गंध, अक्षत, पुष्प से पूजन करें।

इसके बाद नैवेद्य अर्पित कर निम्न मंत्र से प्रार्थना करें-
 
लक्ष्मीर्या लोक पालानाम् धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु।। 
 
सायंकाल पश्चात पूजित गायों से पूजित गोवर्धन पर्वत का मर्दन कराएं। फिर उस गोबर से घर-आंगन लीपें। (वैदिक परंपरा में इंद्र, वरुण, अग्नि, विष्णु आदि देवताओं की पूजा व हवन का विधान है।) 
 
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