Diwali : धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और देव दीपावली पर दीये जलाने की परंपरा है। दीपक जलाते समय मंत्र का उच्चारण करने का महत्व है। दीप से दीप नहीं जलाते हैं और जानिए कि दीये जलाने का क्या है समय समय और कौनसी है दिशा।
दीप जलाते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए | dip jalane ka mantra:
'शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।
दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाना चाहिए | diye se diya kyu nahi jalate:
दीये से दीया जलाना अशुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है।
दीपक के नीचे चावल क्यों रखते हैं । deepak ke niche kya rakhna chahiye:
पूजा के स्थान पर रखे जा रहे दीपक को सीधे भूमि पर नहीं रखते हैं। इसके नीचे काले तिल, चावल या उड़द रखें। चावल रखने से माता लक्ष्मी
यदि दीपक जलाते समय उसके नीचे चावल रखें तो महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। इसी प्रकार यदि उसके नीचे काले तिल या उड़द रखें तो स्वयं मां, काली, भैरव, शनि, दस दिक्पाल, क्षेत्रपाल हमारी रक्षा करेंगे। इसलिए दीपक के नीचे किसी न किसी अनाज को रखना चाहिए।
दीपक जलाने का सही समय और सही दिशा | deepak jalane ki disha diya jalane ka time:
दीपक किसी भी दिशा में रखें लेकिन ज्योति उसकी उत्तर या पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। इसके अलावा कहते हैं कि पश्चिम दिशा में दीये रखने से धन की हानि होती है। हालांकि दक्षिण में यम और पितरों के निमित्त दीया रखते हैं। दीपक जलाना का सबसे उत्तम समय शाम 5 से 7 बजे के बीच का सही माना जाता है।