Hanuman Chalisa

Navratri 2024: देवी का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां बदलती रहती है माता की छवि, भक्तों का लगता है तांता

क्या है उत्तराखंड के डांग चौरा में स्थित धारी देवी मंदिर के चमत्कारी रहस्य

WD Feature Desk
शनिवार, 5 अक्टूबर 2024 (08:00 IST)
धारी देवी मंदिर
 
Navratri Special: उत्तराखंड की सुंदरता और आध्यात्मिक महत्ता के बीच एक ऐसा रहस्यमयी स्थल है, जो हर साल लाखों भक्तों को अपनी ओर खींचता है। यह जगह है धारी देवी मंदिर जो डांग चौरा में स्थित है। यहाँ की सबसे बड़ी खासियत है देवी की पत्थर की मूर्ति का दिन के अलग-अलग समय में बदलना। आइए जानते हैं इस अद्भुत स्थान और इसके रहस्यों के बारे में।

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित धारी देवी मंदिर, भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर माँ काली के अवतार को समर्पित है, जिन्हें यहां धारी देवी के रूप में पूजा जाता है।धारी देवी की मूर्ति का एक अनोखा पहलू यह है कि दिन के समय के अनुसार यह मूर्ति बदलती रहती है।

कैसे बदलता है देवी की मूर्ति का रूप
धारी देवी की मूर्ति को लेकर कई मान्यताएं और रहस्य जुड़े हुए हैं। स्थानीय लोग और भक्त मानते हैं कि सुबह के समय देवी की मूर्ति में एक किशोरी लड़की का चेहरा दिखता है, दिन के मध्य में यह चेहरा एक युवती का रूप धारण करता है और जैसे-जैसे शाम ढलती है, देवी का चेहरा एक बूढ़ी महिला के रूप में दिखाई देता है। यह अद्भुत घटना हर दिन होती है और यही इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है।
ALSO READ: Navratri Special : उत्तराखंड के इस मंदिर में छिपे हैं अनोखे चुम्बकीय रहस्य, वैज्ञानिक भी नहीं खोज पाए हैं कारण
 
धारी देवी से जुड़े पौराणिक और ऐतिहासिक तथ्य
धारी देवी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं और ऐतिहासिक तथ्य प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले, एक बड़ी बाढ़ के बाद देवी की मूर्ति अलकनंदा नदी के किनारे मिली थी। ग्रामीणों ने इसे श्रद्धा से एक स्थान पर स्थापित किया, जहां यह मंदिर अब स्थित है। देवी की मूर्ति को छेड़ना या स्थानांतरित करना अपशकुन माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार, 2013 में जब धारी देवी की मूर्ति को मंदिर से हटाया गया था, उसी दिन उत्तराखंड में विनाशकारी केदारनाथ त्रासदी हुई थी।

मंदिर का धार्मिक महत्त्व और आस्था
धारी देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह एक आस्था और विश्वास का प्रतीक भी है। यहां आने वाले भक्त माँ धारी देवी से अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और देवी की कृपा प्राप्त करते हैं। नवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर यहां विशेष पूजा और भंडारे का आयोजन किया जाता है। यह मंदिर चमत्कारी घटनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है, और कहा जाता है कि जो सच्चे मन से यहां आता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है।

धारी देवी मंदिर कैसे पहुंचे?
डांग चौरा में स्थित धारी देवी मंदिर पहुँचने के लिए निकटतम शहर श्रीनगर (गढ़वाल) है, जो सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। आप यहां देहरादून, ऋषिकेश या हरिद्वार से आसानी से पहुंच सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और निकटतम हवाई अड्डा जॉलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून में स्थित है।

धारी देवी मंदिर यात्रा की सही समय
धारी देवी मंदिर साल भर खुला रहता है, लेकिन यात्रा का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का होता है, जब मौसम अनुकूल होता है। यह स्थान धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक सुंदर गंतव्य है, जहां से अलकनंदा नदी का खूबसूरत दृश्य देखा जा सकता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shukra tara asta: शुक्र तारा होने वाला है अस्त, जानिए कौनसे कार्य करना है वर्जित

Tadpatri bhavishya: ताड़पत्री पर लिखा है आपका अतीत और भविष्य, कब होगी मौत यह जानने के लिए जाएं इस मंदिर में

Margashirsha Month: मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष प्रारंभ: इन 7 खास कार्यों से चमकेगी आपकी किस्मत

Panchak November 2025: नवंबर 2025 में कब से कब तक है पंचक, जानें समय और प्रभाव

Kovidar: कोविदार का वृक्ष कहां पाया जाता है?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (29 नवंबर, 2025)

29 November Birthday: आपको 29 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 29 नवंबर, 2025: शनिवार का पंचांग और शुभ समय

हरिद्वार अर्धकुंभ 2027, स्नान तिथियां घोषित, जानिए कब से कब तक चलेगा कुंभ मेला

Toilet Vastu Remedies: शौचालय में यदि है वास्तु दोष तो करें ये 9 उपाय

अगला लेख