विजयादशमी : जानिए दशहरे की 9 खास बातें...

राजश्री कासलीवाल
विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय पर्व है जिसे सभी भार‍तीय बड़े हर्षोल्लास एवं गर्व के साथ मनाते हैं। आश्विन मास में नवरात्रि का समापन होने के दूसरे दिन यानी दशमी तिथि को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन खासकर खरीददारी करना शुभ माना जाता है जिसमें सोना, चांदी और वाहन की खरीदी बहुत ही महत्वपूर्ण है। 

दशहरे पर पूरे दिनभर ही शुभ मुहूर्त होते हैं इसलिए सारे बड़े काम आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा मुहूर्त वाला दिन है जब बिना मुहूर्त देखे ही आप किसी भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं।
 
आश्विन शुक्ल दशमी को मनाए जाने वाला यह त्योहार 'विजयादशमी' या 'दशहरा' के नाम से प्रचलित है। यह त्योहार वर्षा ऋतु की समाप्ति का सूचक है। इन दिनों चौमासे में स्थगित कार्य फिर से शुरू किए जा सकते हैं। 
 
दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का दिन भी है। इस दिन घर के दरवाजों को फूलों की मालाओं से सजाया जाता है। घर में रखे शस्त्र, वाहन आदि भी पूजा की जाती है। दशहरे का यह त्योहार बहुत ही पावनता के साथ संपन्न किया जाता है। उसके बाद रावण दहन किया जाता है।
 
नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना करने के बाद भगवान श्रीराम ने दशमी के दिन ही लंकापति रावण का वध किया था, तभी से दशहरा पर्व मनाया जाता है। वैसे तो रावण बहुत परम ज्ञानी पंडित था, लेकिन अहंकार भाव के चलते उसने सीता का हरण किया और लंका ले गया और उन्हें अशोक वाटिका में कैद करके रखने का दुस्साहस किया था जिसके परिणामस्वरूप भगवान श्रीराम हनुमानजी की सहायता से राक्षसराज रावण को काबू करने में सफल हो गए थे।
 
उन्होंने रावण को युद्ध में परास्त करके उसे मुक्ति देने का महान कार्य करके दशमी के दिन को पावन कर दिया। श्रीराम ने रावण के अहंकार को चूर-चूर करके दुनिया के लिए भी एक बहुत मूल्यवान शिक्षा प्रदान की जिसकी हम सभी को रोजमर्रा के जीवन में बहुत जरूरत है।

श्रीराम की यही सीख मानवीय जीवन में बहुउपयोगी सिद्ध होगी। हमें भी अपने जीवन में अहंकार, लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्यागकर क्षमारूपी बनकर जीवन जीना चाहिए। भगवान श्रीराम की यह सीख बहुत ही सच्ची और हमें मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाने वाली है।

1  भगवान राम-सीता और हनुमान की पूजा-अर्चना की जाती है।
2  विजयादशमी पर शमी वृक्ष का पूजन किया जाता है।
3 रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र से भगवान शिव की आराधना की जाती है।
4 इस दिन करोड़ों रुपए के फूलों की बिक्री होती है और लोग अपने घर के दरवाजे फूलों की मालाओं से सजाकर उत्सव मनाते हैं।
5  इस दिन लोग अपनी-अपनी क्षमतानुसार सोना-चांदी, वाहन, कपड़े तथा बर्तनों की खरीददारी करते हैं।
6  इस दिन देशभर में रावण के पुतले बनाकर जगह-जगह जलाए जाते हैं।
7  दशहरे के दिन शहर-कस्बों और गांवों में श्रीराम-सीता स्वयंवर प्रसंग, रामभक्त हनुमान का लंकादहन कार्यक्रम, रामलीला का बखान करते हुए राम-रावण युद्ध के साथ रावण दहन किया जाता है।
8 इस दिन खासतौर पर गिलकी के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े) बनाने का प्रचलन है।
9 रावण दहन के बाद एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर, चरण छूकर बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है और साथ ही शमी पत्तों को एक-दूसरे को बांटा जाता है। यह पावन त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।
सभी को दशहरे पर्व की राम... राम...। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण

अचला या अपरा एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है?

Aaj Ka Rashifal: व्यापार, प्रेम, करियर और नौकरी का विशेष भविष्यफल, जानें 15 मई का दैनिक राशिफल

अगला लेख