Dussehra 2024: क्यों शुभ मना जाता है रावण दहन की लकड़ी का टोटका

जानिए रावण दहन की लकड़ी या राख क्यों लाते हैं घर

WD Feature Desk
बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 (09:51 IST)
रावण दहन

Dussehra 2024: दशहरा त्योहार भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जिसे रावण दहन के रूप में मनाया जाता है। रावण दहन के बाद, कई लोग उसकी लकड़ी और राख को अपने घर लेकर आते हैं। आखिर इस परंपरा के पीछे क्या कारण हैं? इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब ढूंढेंगे और जानेंगे कि रावण दहन की लकड़ी और राख को घर लाने का महत्व क्या है।
ALSO READ: क्या छल से रावण ने कुबेर देव से हड़पी थी सोने की लंका, क्या लंका थी शिव परिवार का निवास
 

रावण दहन की परंपरा और उसका महत्व
दशहरा या विजयादशमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। पूरे देश में बड़े-बड़े मैदानों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है। रावण दहन का यह दृश्य देखते हुए, कई लोग उसकी लकड़ी और राख को अपने घर लेकर आते हैं।

राख और लकड़ी घर लाने का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण दहन की लकड़ी और राख को घर लाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। यह भी माना जाता है कि इन राख और लकड़ियों में भगवान राम की शक्ति समाहित होती है, जो आपके घर को बुरी नजर और आपदाओं से बचाती है। 
राख को पूजा के स्थान पर रखा जाता है ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। कई लोग इसे खेतों में भी डालते हैं, यह मानते हुए कि इससे फसल अच्छी होती है।

रावण दहन की राख के पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण
सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी रावण दहन की राख महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह राख लकड़ी और प्राकृतिक सामग्री से बनी होती है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि यह राख वातावरण को शुद्ध करती है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मददगार होती है।

कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इस राख को अपने खेतों में मिलाते हैं ताकि फसल में कीड़े न लगें और मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर हो सके। इससे यह पता चलता है कि इस परंपरा के पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और कृषि से जुड़े फायदे भी हैं।

लकड़ी घर लाने की परंपरा
रावण दहन की बची हुई लकड़ियों को घर लाने की परंपरा भी बेहद खास है। यह माना जाता है कि ये लकड़ियाँ परिवार को नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं और घर में सुख-शांति बनाए रखती हैं। इन लकड़ियों को घर के दरवाजों के पास रखा जाता है, ताकि घर में किसी तरह की बुरी नजर या दुर्भाग्य का प्रवेश न हो सके।


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

07 सितंबर 2025 को होगा खग्रास चंद्रग्रहण, देश-दुनिया पर होगा प्रभावी

Ganesh Visarjan 2025 : गणेश उत्सव के अंतिम दिन कर लें ये काम, पूरे साल कोई विघ्न नहीं करेगा परेशान

Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के बाद पूजन सामग्री का क्या करें? जानिए सही तरीका

Lunar eclipse 2025: चंद्र ग्रहण: वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण और उपाय

Lunar Eclipse 2025: क्या इस बार का चंद्रग्रहण भी लेकर आने वाला है डर और तबाही की नई लहर?

सभी देखें

धर्म संसार

06 September Birthday: आपको 6 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 6 सितंबर, 2025: शनिवार का पंचांग और शुभ समय

Lunar Eclipse 2025: इस दिन लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, 122 साल पर दुर्लभ संयोग, 12 राशियों पर प्रभाव, 5 उपाय

Shradh 2025: कैसा होता है पितृ पक्ष में जन्मे बच्चे का भाग्य? जानिए क्या कहता है ज्योतिष

Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी की तिथि, महत्व और 5 मुख्य कार्य जो आपको करना चाहिए

अगला लेख