Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Dussehra 2025: क्यों दिया माता पार्वती ने रावण को शाप, जानिए क्या था लंका का शिव परिवार से संबंध

Advertiesment
हमें फॉलो करें dussehra 2025

WD Feature Desk

, बुधवार, 24 सितम्बर 2025 (17:17 IST)
Ravana Golden Lanka: रावण के साथ-साथ उसकी सोने की लंका की भी खूब चर्चाएं होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की लंका स्वर्ण निर्मित थी। रामायण के अनुसार हनुमान जी ने रावण की इस सोने की लंका को अपनी पूंछ में आग लगाकर नष्ट कर दिया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोने की लंका रावण की नहीं थी और उसे रावण ने छल से प्राप्त किया था। रामायण में जिस सोने की लंका का वर्णन मिलता है वह रावण की नहीं है। कहा जाता है कि इसका निर्माण भगवान शिव ने माता पार्वती के लिए करवाया था। आज इस आलेख में हम आपको बता रहे हैं कि सोने की लंका के निर्माण की कहानी और कैसे रावण ने उसे छल से हथिया लिया।  

किसने बनावाई थी सोने की लंका
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती और शिव भगवान शिव का निवास हिमालय में था। महादेव और उनका परिवार बहुत ही सरल जीवन जीते थे। एक बार माता पार्वती ने महादेव से कहा कि देवताओं का निवास तो बहुत वैभवशाली होता है की तरह कोई महल बनवाने के लिए कहा, तब भगवान शिव ने विश्वकर्मा और कुबेर को बुलाकर समुद्र के बीच में सोने का महल बनवाया, जिसका नाम लंका था। चूंकि यह स्वर्ण से निर्मित थी इसलिए इसे सोने की लंका कहा जाने लगा।

रावण को कैसे मिली सोने की लंका
मान्यताओं के अनुसार, रामायण काल में स्वर्ण लंका का गुणगान चरों दिशाओं में था। एक बार रावण जब रावण वहां से गुज़र रहा था तो उसने स्वर्ण लंका को देखा तो उसका सौन्दर्य देख वो मुग्ध हो गया। उसने छल से लंका को पाने के लिए ब्राह्मण का वेश धारण किया और भगवान शिव के पास गया और दान में सोने की लंका मांग ली। भगवान शिव ने अपने दयालु स्वाभाव के कारण रावण को लंका दान में दे दी। इस तरह रावण ने धोखे से सोने की लंका भगवान शिव और माता पार्वती से हथिया ली। मान्यता यह भी है कि रावण ने धनपति कुबेर से सोने की लंका को बलस्वरूप छीना था। उसने पुष्पक विमान भी कुबेर देव से ही हासिल किया था।

माता पार्वती ने क्यों दिया था रावण को शाप
कथाओं के अनुसार, जब माता पार्वती को रावण के छल कपट से सोने की लंका हथिया लेने की बात पता चली, तो वे क्रोधित हो गईं। माता पार्वती ने रावण को शाप दिया कि एक दिन लंका आग में भस्म हो जाएगी। रामायण के अनुसार जब रावण माता सीता का अपहरण करके उन्हें लंका ले आया, तो हनुमान जी उनसे मिलने लंका आए, तभी हनुमान जी ने रावण की स्वर्ण लंका में आग लगा दी। ये माता पार्वती के शाप के कारण ही हुआ था।
 

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Dussehra 2025: दशहरा विजयादशमी कब है, शमी, अपराजिता देवी और शस्त्र पूजा का मुहूर्त क्या रहेगा?