उन्तीसवां रोजा : अपने मुल्क के लिए करें दुआ

रमजान विशेष

Webdunia
आज उन्तीसवां रोज़ा है। अगर ईद का चांद आज शाम को नज़र आता है तो माहे-रमज़ान के आख़िरी अशरे यानी दोज़ख से निजात के अशरे (नर्क से मुक्ति का कालखंड) का यह आख़िरी रोज़ा होगा। लेकिन आज चांद नज़र नहीं आता है तो इंशाअल्लाह कल तीसवां और आख़िरी रोज़ा होगा यानी सवाब (पुण्य) का एक और दिन।

उन्तीसवां रोज़ा रमज़ान की रुख़सत के इशारे के साथ रोज़ादारों और नेक बंदों से अल्लाह पर ईमान के साथ दुआ का पैग़ाम दे रहा है। माहे-रमज़ान में रोज़े रखते हुए तिलावते क़ुरआन करते हुए (कुरआन का पाठ करते हुए), इबादत करते हुए अनजाने में जो भूलें या ग़लतियां हुई हैं, रोज़ादार की किसी बात से किसी का दिल दुख गया हो।

फ़र्ज़ में कोई कमी रह गई हो, न चाहते हुए भी यानी ज़ब्त करने के बाद भी ग़ुस्सा आ गया हो, वादाख़िलाफ़ी हो गई हो। अनजाने ही कोई कोताही हो गई हो तो तौबा-ए-अस्तग़फ़ार (गुनाहों का प्रायश्चित) करके अल्लाह से अपने मां-बाप, मुल्क और दुनिया की भलाई के लिए कसरत से (बहुलता से) दुआ मांगना चाहिए।

अगरचे ' दुनिया' लफ़्ज़ में रोज़ादार बज़ाते ख़ुद मां-बाप, मुल्क आ जाते हैं। फिर भी रोज़ादार का फ़र्ज़ है कि मां-बाप के लिए दुआ मांगे, क्योंकि कुरआने-पाक की सूरह 'अन्कबू्‌त' की आठवीं आयत में अल्लाह का इरशाद (आदेश) है-' और हमने इंसान को अपने मां-बाप के साथ नेक सुलूक करने का हुक्म दिया है।'

इसी तरह क़ुरआने पाक की सूरह इब्राहीम की इकतालीसवीं आयत में अल्लाह का इरशाद (आदेश) है "ऐ परवरदिगार हिसाब (किताब) के दिन मुझको और मेरे मां-बाप को और मोमिनों (ईमान वालों) को मग़फ़िरत (मोक्ष) दे ।'

हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का फ़रमान है कि अपने मां-बाप, अपने मुल्क और दुनिया की ख़ुशहाली और अमन-सुकून के लिए अल्लाह से दुआ करें। क्योंकि दिल से जो निकली दुआ खाली नहीं जाती। यानी वो अल्लाह से टाली नहीं जाती। (आमीन!)

Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

19 मई 2024 : आपका जन्मदिन

19 मई 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Chinnamasta jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है छिन्नमस्ता जयंती, कब है और जानिए महत्व

Narasimha jayanti 2024: भगवान नरसिंह जयन्ती पर जानें पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये 5 अचूक उपाय, धन की होगी वर्षा