नेक बंदे की इबादत ही आखिरत की पूँजी है-24

प्रस्तुति : अजहर हाशमी

Webdunia
ND

कुरआने-पाक की सूरह अल आला की सोलहवीं और सत्रहवीं आयत (आयत नंबर 16-17) में ज़िक्र है- 'मगर तुम लोग दुनिया की जिंदगी को अख्तियार करते हो, हालाँकि आखिरत बहुत बेहतर और पाइन्दातर है।' इन पाकीजा आयतों की रोशनी में रमजान के इस आखिरी अशरे (अंतिम कालखंड) और खास तौर से चौबीसवें रोजे की फजीलत को (महिमा को) अच्छी तरह समझा जा सकता है।

इस आयत में दुनियावी जिंदगी यानी नफ्सी ख्वाहिशात (क्रोध, माया, मान, लोभ जिन्हें जैन धर्म में कषाय कहा जाता है और ईसाई धर्म में मटेरियलिस्टिक डिजायर्स) को छोड़ने और आखिरत से रिश्ता जोड़ने की बात कही गई है। आखिरत से मुराद (आशय) दरअसल पारलौकिक यानी भविष्य की स्थिति से है। मतलब यह हुआ कि दुनियावी जिंदगी के बाद यानी मरणोपरांत की स्थिति ही आखिरत है।

यहाँ दो सवाल हैं। एक तो आखिरत से रिश्ता क्यों जोड़ें? दूसरा, आखिरत से रिश्ता कैसे जोड़ा जाए? जहाँ तक पहले सवाल का ताल्लुक है तो कुरआने-पाक की मजकूर (उपर्युक्त) सत्रहवीं आयत में इसका जवाब है। यह कि आखिरत (पारलौकिक स्थिति/ मरणोपरांत भविष्य) से रिश्ता जोड़ें क्योंकि आखिरत 'बहुत बेहतर' है (यानी परम श्रेष्ठ है) और 'पाइन्दातर है।' (यानी अनंत शुभकारी/ जयकारी है)।

अब दूसरे सवाल (आखिरत से रिश्ता कैसे जोड़ा जाए?) का जवाब रमजान का यह आखिरी अशरा खुद-ब-खुद है। चूँकि यह दोजख (नर्क) से निजात (मुक्ति) का अशरा (कालखंड) है। यानी निजात (मुक्ति) के लिए रम्ज करें। रमजान दरअसल 'रम्ज' से ही बना है। 'रम्ज' के मानी हैं रुकना या कंट्रोल करना।

जब रोजादार अपनी नफ्सी ख्वाहिशात पर रोक लगाकर (रम्ज करके) अल्लाह (ईश्वर) की शरई तरीके से इबादत करता है तो यह इबादत ही आखिरत के खाते की पूँजी है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Durga ashtami Puja vidhi: शारदीय नवरात्रि 2024: दुर्गा अष्टमी पूजा की विधि, महत्व, मंत्र, भोग, कथा और उपाय

Dussehra 2024 date: दशहरा पर करते हैं ये 10 महत्वपूर्ण कार्य

Navratri 2024: देवी का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां बदलती रहती है माता की छवि, भक्तों का लगता है तांता

Dussehra: दशहरा और विजयादशमी में क्या अंतर है?

सिर्फ नवरात्रि के 9 दिनों में खुलता है देवी का ये प्राचीन मंदिर, जानिए क्या है खासियत

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों के लिए खुशियों भरा रहेगा दिन, जानें 09 अक्टूबर का राशिफल

09 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

09 अक्टूबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Navratri Saptami devi maa Kalratri: शारदीय नवरात्रि की सप्तमी की देवी कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, आरती, कथा और शुभ मुहूर्त

Dussehra 2024 date: दशहरा कब है, क्या है रावण दहन, शस्त्र पूजा और शमी पूजा का शुभ मुहूर्त?