अफ्तार जल्दी करने में ही भलाई

Webdunia
ND

माह-ए-रमजान में अल्लाह के हुक्म का ज्यादा सख्ती से पालन किया जाता है। हदीस शरीफ में आया है कि 'हुजूर (सल्ल) ने फरमाया कि लोग भलाई पर रहेंगे, जब तक कि वह अफ्तार करने में जल्दी करते रहेंगे।'

रोजे का मकसद आदमी को अल्लाह की मर्जी का पालन करने वाला बनाना है, आदमी को तकलीफ देना नहीं। जब उसका हुक्म था खाना-पीना छोड़ो तो छोड़ दिया। अफ्तार के वक्त हुक्म है कि खाना-पीना शुरू कर दो फिर देर करने का मतलब यह है कि हुक्म को मानने में आनाकानी हो रही है। इसलिए फौरन्‌ खाना-पीना शुरू करके अल्लाह को खुश करके रोजे की रूह तक पहुंच सकते हैं।

सारी बात का मकसद यह है कि अपनी मर्जी न चलाकर अपने अल्लाह की मर्जी अपने ऊपर चलने देना चाहिए।

ND
आदमी के दिल में यह बात आ सकती है कि अधिक देर तक खाना-पीना छोड़ने से ज्यादा सवाब मिलेगा, मगर यहां बताया जा रहा है कि जल्दी अफ्तार करने में ही भलाई है। देर से अफ्तार करने से तो उल्टी अल्लाह की नाराजगी है।

रमजान के तीसों दिन अल्लाह की मर्जी के मुताबिक अपने आप को ढालने की ट्रेनिंग से ही इंसान इस काबिल होता है कि अपने मन पर कंट्रोल करके अपने हर काम को अल्लाह की मर्जी के मुताबिक अंजाम दे।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुध का देवगुरु की राशि धनु में गोचर, जानिए किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा

कुंभ मेले के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु? जानिए कैसी होती है नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया

प्रयागराज कुंभ मेला 1965: इतिहास और विशेषताएं

prayagraj kumbh mela 2025: 16 नहीं 17 श्रृंगार करते हैं नागा साधु, जानिए लिस्ट

पोंगल में क्या क्या बनता है?

सभी देखें

धर्म संसार

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर तिल के 6 उपयोग आपकी किस्मत को चमका देंगे

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 2025, जानें इस सप्ताह किसके चमकेंगे सितारे (13 से 19 जनवरी)

पतंग उत्सव क्यों है मकर संक्रांति पर्व का हिस्सा?

Shani Pradosh 2025: नए साल का पहला शनि प्रदोष व्रत आज, जानें महत्व, विधि और मंत्र

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगा व्यवसाय और स्थायी संपत्ति में लाभ, पढ़ें 11 जनवरी का राशिफल