chhat puja

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

WD Feature Desk
बुधवार, 29 अक्टूबर 2025 (12:49 IST)
Dev Uthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन को कुछ लोग छोटी दिवाली और देव दिवाली भी मानते हैं। देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जगाने और तुलसी विवाह करने का प्रचलन है। आओ जानते हैं दोनों ही परंपरा के संबंध में विस्तार से पूजन और विवाह विधि।
 
देव उठनी एकादशी पूजा विधि (देवोत्थान)
यह पूजा गोधूलि बेला (शाम के समय) में की जाती है, जब भगवान विष्णु को जगाया जाता है।
ALSO READ: Tulsi vivah 2025: देव उठनी एकादशी पर क्यों करते हैं तुलसी विवाह?
1. पूजन की तैयारी
सजावट (मंडप): घर के आंगन या पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें। आंगन में चूने या गेरू से भगवान विष्णु के पैरों की आकृति बनाएं।
चौक/रंगोली: पूजन स्थल पर रंगोली या मांडना बनाएं।
मंडप: तुलसी के पौधे के चारों ओर गन्ने का मंडप (या छोटा मंडप) बनाएं।
सामग्री एकत्र करें: मौसमी फल (सिंघाड़ा, गन्ना, केला), मिठाई, घी का दीपक, धूप, रोली, अक्षत (चावल, लेकिन एकादशी पर नहीं), तुलसी के पत्ते, और सुहाग सामग्री (चुनरी, चूड़ियाँ आदि)।
 
2. भगवान विष्णु को जगाना (देवोत्थान)
संकल्प और आवाहन: स्नान आदि से निवृत्त होकर, पीले या लाल वस्त्र पहनें। व्रत का संकल्प लें और हाथ में फूल लेकर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
स्थापना: चौकी पर भगवान विष्णु या शालिग्राम जी को स्थापित करें। उन्हें पीला वस्त्र पहनाएं और हल्दी का लेप लगाएं।
पूजा: भगवान को रोली, चंदन, फूल और भोग (खीर, पूड़ी, मौसमी फल) अर्पित करें।
मंत्र/स्तोत्र पाठ: भगवान विष्णु के मंत्रों जैसे "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का 108 बार जाप करें। विष्णु सहस्रनाम या अन्य विष्णु स्तोत्रों का पाठ करें।
ALSO READ: Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी 1 नवंबर को है या कि 2 नवंबर 2025 को है? सही डेट क्या है?
देवोत्थान (जगाने की रस्म):
ALSO READ: Dev Uthani Ekadashi Ki Katha: देव उठनी एकादशी की पौराणिक कथा
तुलसी विवाह (देव उठनी एकादशी) विधि का संक्षिप्त रूप:
 
तैयारी:
स्थान: आंगन, मंदिर या छत पर चौक और चौकी स्थापित करें।
मंडप: तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं।
स्थापना: तुलसी का पौधा पटिए पर बीच में रखें। अष्टदल कमल बनाकर चौकी पर शालिग्राम जी को स्थापित करें और उनका श्रृंगार करें।
कलश: कलश स्थापित कर जल भरें, स्वस्तिक बनाएं, आम के पत्ते और नारियल रखें।
 
वस्त्र/श्रृंगार:
  1. तुलसी को समस्त सुहाग सामग्री और लाल चुनरी/साड़ी पहनाकर दुल्हन की तरह सजाएं।
  2. शालिग्राम जी को पंचामृत से स्नान कराकर पीला वस्त्र पहनाएं।
  3. गमले को गेरू से सजाकर शालिग्राम की चौकी के दाईं ओर रखें।
पूजन एवं विवाह:
छिड़काव: 'ॐ श्री तुलस्यै नमः' मंत्र का जाप करते हुए गंगा जल छिड़कें।
तिलक: तुलसी को रोली और शालिग्राम को चंदन का तिलक लगाएं।
हल्दी: तुलसी, शालिग्राम और मंडप को दूध में भीगी हल्दी का लेप लगाएं (शालिग्राम पर चावल की जगह तिल चढ़ाएं)।
परिक्रमा: कोई पुरुष शालिग्राम को चौकी सहित गोद में उठाकर तुलसी की 7 बार परिक्रमा कराएं।
भोग/आरती: खीर और पूड़ी का भोग लगाएं। मंगल गीत गाएं, मंत्रोच्चारण के साथ आरती करें।
पारण/विसर्जन: कर्पूर से आरती कर 'नमो नमो तुलजा महारानी...' मंत्र बोलें। भोग को मुख्य आहार के साथ ग्रहण करें और प्रसाद का वितरण करें।
मांगलिक कार्यों की घोषणा: यह विवाह संपन्न होने के बाद मांगलिक कार्यों के पुनः आरंभ की घोषणा की जाती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh gochar 2025: बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, 3 राशियों को संभलकर रहना होगा

Mangal gochar 2025: मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश, 3 राशियों के लिए है अशुभ संकेत

Kushmanda Jayanti: कूष्मांडा जयंती के दिन करें माता की खास पूजा, मिलेगा सुख संपत्ति का आशीर्वाद

Kartik Month 2025: कार्तिक मास में कीजिए तुलसी के महाउपाय, मिलेंगे चमत्कारी परिणाम बदल जाएगी किस्मत

October Horoscope 2025: अक्टूबर के अंतिम सप्ताह का राशिफल: जानें किन राशियों पर होगी धन की वर्षा, आएगा करियर में बड़ा उछाल!

सभी देखें

धर्म संसार

31 October Birthday: आपको 31 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 31 अक्टूबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Shukra gochar 2025: शुक्र के तुला में गोचर से 7 राशियों के लिए होगी धन की वर्षा, मिलेगा शुभ परिणाम

Tulsi Vivah ke achuk upay: तुलसी विवाह के अचूक उपाय: सुख, समृद्धि और विवाह बाधा मुक्ति के लिए

देव उठनी एकादशी व्रत के पारण का समय क्या है, कैसे खोलें उपवास

अगला लेख