इस बार 20 जुलाई को सो जाएंगे देव, जानिए देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त, मंत्र और महत्व

Webdunia
5 जुलाई को योगिनी एकादशी के बाद इंतजार रहेगा देवशयनी एकादशी का.... यह एकादशी बड़ी एकादशी मानी गई है... इस बार यह एकादशी 20 जुलाई को आ रही है। देवशयनी एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है। दशमी तिथि की रात्रि के भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अगले दिन प्रात: काल उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होकर व्रत का संकल्प करना चाहिए।
 
भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर आसीन कर उनका षोडशोपचार सहित पूजन करना चाहिए। पंचामृत से स्नान करवाकर, तत्पश्चात भगवान की धूप, दीप, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए।
 
भगवान को समस्त पूजन सामग्री, फल, फूल, मेवे तथा मिठाई अर्पित करने के बाद विष्णु मंत्र द्वारा स्तुति की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त शास्त्रों में व्रत के जो सामान्य नियम बताये गए हैं, उनका कठोरता से पालन करना चाहिए।
 
महत्व :
आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहते हैं। इसे देवशयनी एकादशी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी आदि नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ी एकादशी जून या जुलाई के महीने में आती है।
 
आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का चार माह का समय हरिशयन का काल समझा जाता है। वर्षा के इन चार माहों का संयुक्त नाम चातुर्मास दिया गया है। इसके दौरान जितने भी पर्व, व्रत, उपवास, साधना, आराधना, जप-तप किए जाते हैं, उनका विशाल स्वरूप एक शब्द में 'चातुर्मास्य' कहलाता है। चातुर्मास से चार मास के समय का बोध होता है और चातुर्मास्य से इस समय के दौरान किए गए सभी व्रतों-पर्वों का समग्र बोध होता है।
 
पूजा विधि : वे श्रद्धालु जो देवशयनी एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें प्रात:काल उठकर स्नान करना चाहिए।
 
पूजा स्थल को साफ करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर विराजमान करके भगवान का षोडशोपचार पूजन करना चाहिए।
 
भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीला चंदन चढ़ाएं। उनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म सुशोभित करें।
 
भगवान विष्णु को पान और सुपारी अर्पित करने के बाद धूप, दीप और पुष्प चढ़ाकर आरती उतारें और इस मंत्र द्वारा भगवान विष्णु की स्तुति करें…
 
मंत्र: ‘सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।।'
 
अर्थात हे जगन्नाथ जी! आपके निद्रित हो जाने पर संपूर्ण विश्व निद्रित हो जाता है और आपके जाग जाने पर संपूर्ण विश्व तथा चराचर भी जाग्रत हो जाते हैं।
 
इस प्रकार भगवान विष्णु का पूजन करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन या फलाहार ग्रहण करें।
 
देवशयनी एकादशी पर रात्रि में भगवान विष्णु का भजन व स्तुति करना चाहिए और स्वयं के सोने से पहले भगवान को शयन कराना चाहिए।
 
1. देवशयनी एकादशी संकल्प मंत्र
 
सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।
 
2. देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का मंत्र -
 
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।
 
3. देवशयनी एकादशी विष्णु क्षमा मंत्र
 
भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।

 
एकादशी तिथि आरंभ: 19 जुलाई , 2021 को रात्रि 09 बजकर 59 मिनट.
एकादशी तिथि समाप्त: 20 जुलाई, 2021 को रात्रि 07 बजकर 17 मिनट.
आषाढ़ शुक्ल हरिशयनी देवशयनी का राशियों के लिए वरदान 
 
मेष : सुख में वृद्धि 
वृषभ : उन्नति के अवसर
मिथुन : यश मिलेगा 
कर्क : सफलता के योग 
सिंह : शुभ समाचार
कन्या : सम्मान मिलेगा
तुला : विजय की प्राप्ति 
वृश्चिक : मनोरंजन के अवसर 
धनु: आय में वृद्धि 
मकर : मुकदमे में विजय 
कुंभ : मनचाही खुशियां 
मीन : अच्छी सेहत 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

Shani sade sati: कब और किस समय शुरू होगी इन 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती?

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

अगला लेख