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देवशयनी एकादशी का व्रत रखने का तरीका और पारण का समय जानें

WD Feature Desk
मंगलवार, 16 जुलाई 2024 (12:09 IST)
Devshayani ekadashi vrat 2024: 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी रहेगी और इस दिन से 4 माह के लिए श्रीहरि विष्णु योगनिद्रा में चले जाएंगे। इस दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। इस इस दौरान विधिवत व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्त होती है और व्यक्ति निरोगी होता है। आओ जानते हैं कि किस तरह रखें व्रत और कब करें पारण यानी व्रत को खोलना। ALSO READ: देवशयनी एकादशी : कैसे करें व्रत-पूजन
 
देवशयनी एकादशी व्रत का पारण समय:
18 जुलाई 2024 को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय- प्रात: 05:35 से 08:20 के बीच।
 
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 16 जुलाई 2024 को रात्रि 08:33 बजे से।
एकादशी तिथि समाप्त- 17 जुलाई 2024 को रात्रि 09:02 बजे तक।
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देवशयनी एकादशी पर कैसे करें व्रत?
1. नियमानुसार जब एकादशी तिथि प्रारंभ होती है तभी से व्रत भी प्रारंभ हो जाना चाहिए।
 
2. देवशयनी एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है। 
 
3. दशमी तिथि की रात्रि के भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 
 
4. अगले दिन प्रात: काल उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होकर व्रत का संकल्प करना चाहिए।
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5.  भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर आसीन कर उनका षोडशोपचार सहित पूजन करना चाहिए। 
 
6. पंचामृत से स्नान करवाकर, तत्पश्चात भगवान की धूप, दीप, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद आरती करें।
 
7. भगवान को समस्त पूजन सामग्री, फल, फूल, मेवे तथा मिठाई अर्पित करने के बाद विष्णु मंत्र द्वारा स्तुति की जानी चाहिए।
 
8. इसके अतिरिक्त शास्त्रों में व्रत के जो सामान्य नियम बताये गए हैं, उनका कठोरता से पालन करना चाहिए।
 
9. इसके बाद देवशयनी एकादशी व्रत की कथा सुनना चाहिए।
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पूजा के शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:13 से 04:53 तक।
प्रातः सन्ध्या: प्रात: 04:33 से 05:34 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:45 से 03:40 तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम को 07:19 से 07:39 तक।
सायाह्न सन्ध्या : रात्रि 07:20 से 08:22 तक।
अमृत काल : शाम 04:23 से 06:03 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 05:34 से अगले दिन तड़के 03:13।
अमृत सिद्धि योग : सुबह 05:34 से अगले दिन तड़के 03:13।
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