indira ekadashi 2023: इंदिरा एकादशी आज, शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

Webdunia
Indira Ekadashi 2023: आश्‍विन माह के कृष्ण पक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह पितृ श्राद्ध पक्ष यानी 16 श्राद्ध में आती है। वैसे तो वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं। अधिकमास होने से 26 एकादशियां रहती हैं। इस वर्ष 10 अक्टूबर को इंदिरा एकादशी व्रत किया जा रहा है। 
 
आइए जानते हैं कि इस एकादशी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त-  
10 अक्टूबर 2023, मंगलवार को इंदिरा एकादशी व्रत के शुभ मुहूर्त
 
इंदिरा एकादशी मंगलवार, अक्टूबर 10, 2023 को
एकादशी तिथि प्रारंभ- 9 अक्टूबर 2023 को 04.06 ए एम से,  
एकादशी तिथि समाप्त- 10 अक्टूबर 2023 को 06.38 ए एम पर होगी। 
 
पारण के दिन द्वादशी का समापन समय- 11 अक्टूबर, बुधवार को 09.07 ए एम पर। 
पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 11 अक्टूबर को 05.08 ए एम से 07.35 ए एम तक। 

अक्टूबर 10, 2023, मंगलवार : दिन का चौघड़िया
चर- 08.12 ए एम से 09.44 ए एम
लाभ- 09.44 ए एम से 11.16 ए एम
अमृत- 11.16 ए एम से 12.48 पी एम
शुभ- 02.20 पी एम से 03.52 पी एम
 
रात्रि का चौघड़िया
लाभ- 06.52 पी एम से 08.20 पी एमकाल रात्रि
शुभ- 09.48 पी एम से 11.16 पी एम तक।
अमृत- 11.16 पी एम से 11 अक्टूबर को 12.44 ए एम तक। 
चर- 12.44 ए एम से 11 अक्टूबर को 02.12 ए एम तक।
 
आज का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 03.34 ए एम से 04.21 ए एम 
प्रातः सन्ध्या 03.58 ए एम से 05.08 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 10.52 ए एम से 11.41 ए एम 
विजय मुहूर्त- 01.19 पी एम से 02.08 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05.24 पी एम से 05.47 पी एम 
सायाह्न सन्ध्या 05.24 पी एम से 06.34 पी एम
अमृत काल 09.33 पी एम से 11.21 पी एम 
निशिता मुहूर्त- 10.52 पी एम से 11.39 पी एम
 
पूजन विधि- 
आश्विन कृष्ण दशमी के दिन प्रात:काल श्रद्धापूर्वक स्नान करके अपने पितरों का श्राद्ध करके एक बार भोजन करें। 
अगले दिन प्रात: होने पर एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत के नियमों को ग्रहण करते हुए यह प्रतिज्ञा करना चाहिए कि मैं आज संपूर्ण भोगों को त्याग कर निराहार एकादशी का व्रत करूंगा।
पूजन के लिए शालिग्राम की मूर्ति को स्थापित करें। 
फिर उसे पंचामृत से स्नान कराएं और प्रार्थना करें कि, 'हे अच्युत! हे पुंडरीकाक्ष! मैं आपकी शरण में हूं, आप मेरी रक्षा कीजिए, मेरी पूजा स्वीकार करें।'
भगवान को मिष्ठान्न का भोग लगाएं।
पूजन समाप्त होने पर आरती करें।
अब ब्राह्मण भोज तैयार करें और उन्हें भोजन करावाकर दान-दक्षिणा दें।
इंदिरा एकादशी व्रत की कथा का पढ़ें अथवा सुनें।
रात्रि जागरण करके व्रत को पूर्ण करके अगले दिन पारण करें। 
 
इंदिरा एकादशी- आश्‍विन माह में इंदिरा एवं पापांकुशा एकादशी आती है। पितरों को अधोगति से मुक्ति देने वाली इंदिरा एकादशी के व्रत से स्वर्ग की प्राप्ति होती है जबकि पापांकुशा एकादशी सभी पापों से मुक्त कर अपार धन, समृद्धि और सुख देती है।

पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। इंदिरा एकादशी के दिन विधिवत रूप से व्रत करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे नया जीवन प्राप्त करते हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'वेबदुनिया' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

ALSO READ: Indira ekadashi 2023: पितरों को अधोगति से मुक्ति देती है इंदिरा एकादशी, पढ़ें पौराणिक व्रत कथा
ALSO READ: Papankusha ekadashi date: पापांकुशा एकादशी व्रत 2023 कब रखा जाएगा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Oldest religion in the world: दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौनसा है?

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mahabharat : महाभारत में जिन योद्धाओं ने नहीं लड़ा था कुरुक्षेत्र का युद्ध, वे अब लड़ेंगे चौथा महायुद्ध

Daan punya: यदि आप भी इस तरह से दान करते हैं तो कंगाल हो जाएंगे

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Aaj Ka Rashifal: कैसा बीतेगा आपका 17 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियों का दैनिक राशिफल

17 मई 2024 : आपका जन्मदिन

17 मई 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Mohini Ekadashi : मोहिनी एकादशी पर बन रहे हैं शुभ योग संयोग, इस दिन करेंगे ये उपाय तो लक्ष्मी नारायण होंगे प्रसन्न

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

अगला लेख