Mohini Ekadashi : मोहिनी एकादशी पर बन रहे हैं शुभ योग संयोग, इस दिन करेंगे ये उपाय तो लक्ष्मी नारायण होंगे प्रसन्न

WD Feature Desk
गुरुवार, 16 मई 2024 (17:55 IST)
HIGHLIGHTS
 
• मोहिनी एकादशी व्रत कब रखा जाएगा। 
• मोहिनी एकादशी जानें शुभ मुहूर्त।  
• मोहिनी एकादशी व्रत के उपाय।  

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Mohini Ekadashi vrat : वैशाख के महीने में पड़ने वाली मोहिनी हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में 19 मई, दिन रविवार को पड़ रही हैं। यह एकादशी सुख-समृद्धि और शांति देने वाली मानी गई है।  
 
आइए यहां जानते हैं 2024 में मोहिनी एकादशी के शुभ संयोग :  
 
19 मई 2024 , रविवार के दिन द्विपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है।  
 
19 मई शुभ संयोग : 
 
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 05 से 04 बजकर 47 मिनट तक।  
प्रातः सन्ध्या- सुबह 04 बजकर 26 से शाम 05 बजकर 28 मिनट तक।  
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 50 से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक।  
विजय मुहूर्त- शाम 02 बजकर 34 से 03 बजकर 29 मिनट तक।  
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07 बजकर 06 से 07 बजकर 27 मिनट तक।  
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07 बजकर 07 से 08 बजकर 09 मिनट तक।  
अमृत काल- रात 08 बजकर 33 से 10 बजकर 20 मिनट तक।  
निशिता मुहूर्त- रात्रि 11 बजकर 57 से 20 मई को 12 बजकर 38 मिनट तक।    
द्विपुष्कर योग- 20 मई सुबह 03 बजकर 16 से 05 बजकर 28 मिनट तक।  
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 28 से 20 मई को 03 बजकर 16 मिनट तक।  
अमृत सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 28 से 20 मई को 03 बजकर 16 मिनट तक।  

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उपाय : 
 
1. हर तरह के संकटों के निवारण हेतु इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का तुलसी माला से अधिक से अधिक जप करें। 
 
2. इस दिन पीले फल, वस्त्र और पीले पुष्प श्री विष्‍णु मंदिर में अर्पित करें और दक्षिणावर्ती शंख की विधिवत पूजा करने से लाभ होगा। श्रीहरि को पीले रंग की वस्तु अर्पित करना शुभ होता है। 
 
3. विवाह योग्य जातकों को इस दिन पीले फूलों से श्री भगवान विष्णु का पूजन करके अपनी मनोकामना मांगते हुए शीघ्र ही शादी की कामना करें। श्रीहरि आपके मन की मुराद अवश्य पूरी करेंगे। 
 
4. मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी के समक्ष घी का दीया जलाएं और कम से कम 11  परिक्रमा करें। इतना ही नहीं इस दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करके दीपक प्रज्वलित करें और इसकी भी परिक्रमा करें। यह उपाय फलदायी साबित होगा। 
 
5. एकादशी पर खीर में तुलसी पत्‍ता डालकर भगवान श्री विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी को भोग लगाएं। इससे पहले श्री विष्णु जी का गंगाजल और केसरयुक्त दूध से अभिषेक करेंगे तो विशेष कृपा प्राप्त होगी।
 
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