आरोग्यवृद्धि देती हैं निर्जला एकादशी, जानिए व्रत का महत्व...

Webdunia
निर्जला एकादशी है 24 जून, रविवार को है, पंचांग भेद के कारण कई जगहों पर 23 जून, शनिवार को भी मनाई जाएगी। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। व्यासजी की आज्ञा के अनुसार भीमसेन ने ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला व्रत किया था। इसीलिए ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि बहुभोजी भीमसेन के नाम से प्रतिष्ठित है। 
 
इस व्रत से आरोग्यवृद्धि के तत्व विकसित होते हैं। यदि कोई मनुष्य साल भर की एकादशी का व्रत नहीं कर पाता हो तो भीमसेनी एकादशी के व्रत से उसे वे सभी पुण्य लाभ प्राप्त हो जाते हैं, जो अन्य 24 एकादशी का व्रत रखने से मिलते हैं। 
 
इस दिन तांबे के गौ आकृति वाले कलश में अन्न, जल आदि डालकर दो सफेद वस्त्रों से ढंक देना चाहिए। इसके बाद कलश के चारों ओर तिल पात्र, घी, दही, चीनी का पत्र रखकर जलाधिपति वासुदेव के पूजन का प्रावधान है। 
 
इस व्रत में आम के फल के दान का विशेष महत्व है। यह धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्व है, जो बड़े भक्तिभाव से मनाया जाता है। 
 
युधिष्ठिर के भ्राता भीमसेन के पेट में वृक होने के कारण उसे अधिक भूख लगती थी। इस कारण वह चाहकर भी एकादशी का व्रत नहीं रह पाते थे। एक बार उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि ऐसा कोई उपाय बताइए, जिससे सारे एकादशी का पुण्य मिले। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें निर्जला एकादशी के बारे में बताया। भीमसेन ने एक बूंद पानी पिए बिना ही यह व्रत किया, तब से इसे भीमसेनी एकादशी कहा जाता है। इस व्रत से सभी 24 एकादशी का पुण्य लाभ मिलता है।

ALSO READ: करोड़ पल सोने के दान का फल देती है निर्जला एकादशी, पढ़ें पौराणिक व्रत कथा...
 
निर्जला एकादशी की उपासना का सीधा संबंध एक ओर जहां पानी न पीने के व्रत की कठिन साधना है, वहीं आम जनता को पानी पिलाकर परोपकार की प्राचीन भारतीय परंपरा भी। महाभारत में महर्षि वेदव्यास के वचन हैं कि पूरे वर्ष में होने वाली एकादशी जिनमें अधिकमास भी सम्मिलित है, यदि कोई न कर सके तो भी वह निर्जला एकादशी का व्रत करता है तो उसे सभी एकादशियों के व्रत का पुण्य फल प्राप्त होता है।

इसीलिए व्यासजी ने भीमसेन को निर्जला एकादशी व्रत करने की प्रेरणा दी, क्योंकि जठराग्नि तीव्र होने के कारण भीमसेन बिना खाए रह ही नहीं सकते थे अत: भीमसेन ने वेदव्यासजी की प्रेरणा से इस व्रत को किया।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

26 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

2025 predictions: बाबा वेंगा की 3 डराने वाली भविष्यवाणी हो रही है वायरल

26 नवंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Education horoscope 2025: वर्ष 2025 में कैसी रहेगी छात्रों की पढ़ाई, जानिए 12 राशियों का वार्षिक राशिफल

अगला लेख