निर्जला एकादशी 2020 : व्रत का सबसे अच्छा मुहूर्त क्या है, जानिए सरल पूजा विधि

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Nirjala Ekadashi 2020 muhurat
एकादशी तिथि प्रारंभ - दोपहर 02:57  (01 जून 2020)
 
एकादशी तिथि समाप्त - दोपहर 12:04 (02 जून 2020)
 
पारण मुहूर्त -सुबह 05:23 से 08:8 तक (03 जून 2020)
 
निर्जला एकादशी पारणा मुहूर्त :05:33:14 से 08:15:23 तक 3 जून को 
 
अवधि :2 घंटे 42 मिनट 
पूजा विधि: जो श्रद्धालु वर्षभर की समस्त एकादशियों का व्रत नहीं रख पाते हैं, उन्हें निर्जला एकादशी का उपवास अवश्य करना चाहिए। क्योंकि इस व्रत को रखने से अन्य सभी एकादशियों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है: 
 
1. इस व्रत में एकादशी तिथि के सूर्योदय से अगले दिन द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक जल और भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है। 
 
2. एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद सर्वप्रथम भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें। इसके पश्चात भगवान का ध्यान करते हुए 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
 
3. इस दिन भक्ति भाव से कथा सुनना और भगवान का कीर्तन करना चाहिए। 
 
4. इस दिन व्रती को चाहिए कि वह जल से कलश भरे व सफ़ेद वस्त्र को उस पर ढककर रखें और उस पर चीनी और दक्षिणा रखकर ब्राह्मण को दान दें। इसके बाद दान, पुण्य आदि कर इस व्रत का विधान पूर्ण होता है। धार्मिक मान्यता में इस व्रत का फल लंबी उम्र, स्वास्थ्य देने के साथ-साथ सभी पापों का नाश करने वाला माना गया है। 
 
निर्जला एकादशी : दान का महत्व यह एकादशी व्रत धारण कर यथाशक्ति अन्न, जल, वस्त्र, आसन, जूता, छतरी, पंखी और फल आदि का दान करना चाहिए। इस दिन जल कलश का दान करने वालों श्रद्धालुओं को वर्ष भर की एकादशियों का फल प्राप्त होता है।

इस एकादशी का व्रत करने से अन्य एकादशियों पर अन्न खाने का दोष छूट जाता है और सम्पूर्ण एकादशियों के पुण्य का लाभ भी मिलता है। माना जाता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक इस पवित्र एकादशी का व्रत करता है, वह समस्त पापों से मुक्त होकर अविनाशी पद प्राप्त करता है।

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