देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह, जानिए शालिग्राम के 10 रहस्य

अनिरुद्ध जोशी
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसे हरि प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन तुलसी का शालिग्राम के साथ विवाह करने की परंपरा भी प्रचलित है। आओ जानते हैं शालिग्राम का क्या है महत्व।
 
 
1. शालिग्राम के साथ तुलसी का आध्यात्मिक विवाह देव उठनी एकादशी को होता है। इस दिन तुलसी की पूजा का महत्व है। तुलसी दल अकाल मृत्यु से बचाता है। शालीग्राम और तुलसी की पूजा से पितृदोष का शमन होता है।
 
2. शलिग्राम भगवान विष्णु का ही विग्रह रूप है। यह शिवलिंग से मिलता-लता एक पत्थर होता है जो कि नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गंडकी नदी के तट पर ही पाया जाता है।
 
3. मान्यता है कि घर में भगवान शालिग्राम हो, वह तीर्थ के समान माना जाता है। स्कंदपुराण के कार्तिक महात्म्य में शिवजी ने भी शालिग्राम की स्तुति की है।
 
4. जिस घर में शालिग्राम का पूजन होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। शालिग्राम पूजन करने से अगले-पिछले सभी जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति हर ओर से सुखी रहता है।
 
6. शालिग्राम वैष्णव धर्म का सबसे बड़ा विग्रह है। शालिग्राम सात्विकता के प्रतीक हैं। उनके पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। यदि आप मांस या मदिरा का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
 
7. घर में सिर्फ एक ही असली शालिग्राम रखना चाहिए। कई घरों में कई शालिग्राम होते हैं जो उचित नहीं है।
 
8. शालिग्राम पर चंदन लगाकर उसके ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है। चंदन भी असली होना चाहिए। जैसे चंदन की एक लकड़ी को लाकर उसे शिला पर घिसे और फिर शालिग्रामजी को चंदन लगाएं। शालिग्राम को प्रतिदिन पंचामृत से स्नान कराया जाता है। कहते हैं कि कुछ समय को छोड़कर शालिग्राम की प्रतिदिन पूजा करना जरूरी है। ऐसे समय है रोग, यात्रा या रजोदर्शन आदि।
 
9.शालिग्राम के साथ तुलसी विवाह को कन्यादान जितना पुण्य कार्य माना जाता है। कहा जाता है कि तुलसी विवाह संपन्न कराने वालों को वैवाहिक सुख मिलता है।
 
10. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह कराने वाले व्यक्ति के जीवन से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं और उस पर भगवान हरि की विशेष कृपा बनी रहती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Mohini ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत का प्रारंभ और पारण जानें

Lakshmi prapti ke achuk upay: यदि घर की महिला रोज ये काम करें तो घर में मां लक्ष्मी का होगा प्रवेश

Mohini ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत की पौराणिक कथा

अगला लेख