Nirjala Ekadashi 2024 : आज निर्जला एकादशी, जानें पूजन का समय, सरल विधि और कथा

WD Feature Desk
मंगलवार, 18 जून 2024 (10:40 IST)
Nirjala Ekadashi 
Highlights 
 
निर्जला एकादशी की सरल कशब्दों में पढ़े कथा।  
निर्जला एकादशी पर जानें पूजन का समय। 
भीमसेनी एकादशी पर पढ़ें पांडु पुत्र भीम की कथा।  
 

ALSO READ: Nirjala Ekadashi 2024 : निर्जला एकादशी को क्यों कहते हैं भीमसेनी एकादशी, पढ़ें व्रत कथा और महत्व
 
2024 Nirjala Ekadashi : आज निर्जला एकादशी हैं। यह व्रत सबसे कठिन माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसमें भोजन और पानी दोनों का ही त्याग होता है। निर्जला यानि जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस दिन जल ग्रहण न करके जल का संग्रहण किया जाता है। निर्जला एकादशी व्रत को महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था इसलिए इसे भीम या भीमसेनी एकादशी कहा जाता है। जानें पूजन का समय, पूजा विधि और कथा... 
 
निर्जला एकादशी पूजा विधि : Nirjala Ekadashi Puja Vidhi
 
* निर्जला एकादशी व्रत नियमों का पालन दशमी तिथि से शुरू हो जाता है।
* दशमी तिथि की शाम को सात्विक भोजन करके सो जाएं।
* इस एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें, शौचादि से निवृत्त होकर स्नान करें। 
* फिर व्रत का संकल्प लें। मंदिर की साफ-सफाई करें। 
* श्री विष्णु जी की प्रतिमा को गंगा जल से नहलाएं। 
* दीया जलाकर उनके मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का स्मरण करें। और पूजन के समय उनकी स्तुति करें। 
* पूजा में तुलसी के पत्तों को अवश्य ही शामिल करें। 
* फिर भगवान विष्णु जी आरती करें। 
* सायंकाल में पुनः भगवान विष्णु जी के समक्ष दीप जलाकर उनकी आराधना करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
* द्वादशी तिथि पर यानि अगले दिन स्नानादि से शुद्ध होकर भगवान विष्णु जी का पूजन करें और उन्हें मीठी चीजों का भोग लगाएं। 
* ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें और प्रसाद बांटें। 
* व्रत पारण मुहूर्त के समय व्रत खोलें और जल का सेवन करें।
* अपने सामर्थ्य के अनुसार जप, तप गंगा स्नान, गौ दान आदि शुभ कार्य करना उचित रहता है।

ALSO READ: Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग, भूलकर भी न करें ये गलतियां
 
पौराणिक कथा : Nirjala Ekadashi Katha 2024 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस व्रत की पौराणिक कथा महाभारत काल से जुड़ी है। इस कथा के मुताबिक एक बार महाबली भीम को व्रत करने की इच्छा हुई और उन्होंने महर्षि व्यास से इसके बारे में जानना चाहा। 
 
उन्होंने अपनी परेशानी उन्हें बताते हुए कहा कि उनकी माता, भाई और पत्नी सभी एकादशी के दिन व्रत करते हैं, लेकिन भूख बर्दाश्त नहीं होने के कारण उन्हें व्रत करने में परेशानी होती है। 
 
इस पर महर्षि व्यास ने भीम से ज्येष्ठ मास की निर्जला एकादशी व्रत को शुभ बताते हुए यह व्रत करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस व्रत में आचमन में जल ग्रहण किया जा सकता है, लेकिन अन्न से परहेज किया जाता है। इसके बाद भीम ने मजबूत इच्छाशक्ति के साथ यह व्रत कर पापों से मुक्ति पाई। अतः निर्जला एकादशी व्रत को करने का बहुत अधिक महत्व हिन्दू शास्त्रों में कहा गया हैं।  
 
निर्जला एकादशी 18 जून 2024, मंगलवार : दिन का चौघड़िया, पारण समय : Nirjala Ekadashi Muhurat 
 
चर - 08 बजकर 53 सुबह से 10 बजकर 38 मिनट तक।  
लाभ - 10 बजकर 38 सुबह से अपराह्न 12 बजकर 22 मिनट तक।
अमृत - दोपहर 12 बजकर 22 से 02 बजकर 07 मिनट तक।
शुभ - दोपहर 03 बजकर 52 से 05 बजकर 37 मिनट तक।
 
रात का चौघड़िया : 
 
लाभ - रात 08 बजकर 37 से 09 बजकर 52 मिनट तक।
शुभ - रात्रि 11 बजकर 07 से 19 जून को 12 बजकर 22 मिनट तक।
अमृत - 12 बजकर 22 से 19 जून को 01 बजकर 38 मिनट तक।
चर - 01 बजकर 38 सुबह से 19 जून को 02 बजकर 53 मिनट तक।
 
पारण समय 2024 :  Nirjala Ekadashi Paran Time
 
निर्जला एकादशी पारण / व्रत तोड़ने का समय - 19 जून को 05 बजकर 24 ए एम से 07 बजकर 28 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 07 बजकर 28 ए एम। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: Nirjala Ekadashi : निर्जला एकादशी के दिन किस सामग्री का करें दान, जानें विशेष सूची

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

Utpanna ekadashi Katha: उत्पन्ना एकादशी व्रत की पौराणिक कथा

Aaj Ka Rashifal: 25 नवंबर के दिन किसे मिलेंगे नौकरी में नए अवसर, पढ़ें 12 राशियां

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

अगला लेख