माघ मास षटतिला एकादशी एकादशी कब है?

Webdunia
वर्ष 2023 में माघ मास में पड़ने वाला षटतिला एकादशी (Ekadashi Vrat 2023 Dates) व्रत दिनांक 18 जनवरी 2023, दिन बुधवार को रखा जाएगा। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को आने वाला यह व्रत श्री विष्णु के पूजन के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन तिल का छ: प्रकार से उपयोग किया जाता है। 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जितना पुण्य कन्या दान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान करने के बाद मिलता है, उससे कहीं ज्यादा फल षटतिला एकादशी पर व्रत-उपवास करने पर मिलता है। इस दिन तिल का उपयोग पूजा, हवन, प्रसाद, स्नान, स्‍नान, दान, भोजन और तर्पण में किया जाता है। इस दिन तिल के दान का विधान होने के कारण ही यह षटतिला एकादशी कहलाती है। 
 
माघ मास लगते ही मनुष्यों को स्नानादि करके शुद्ध रहना चाहिए। अपने इंद्रियों को वश में करके काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या तथा द्वेष आदि का त्याग कर भगवान का स्मरण करना चाहिए, ऐसा माघ षटतिला एकादशी का महत्व है। इस एकादशी व्रत से संसार के जीवों का भला होता है। 
 
इस दिन जल से भरा घड़ा, श्यामा गौ और तिल पात्र ब्राह्मण को दान करना उत्तम माना गया है। तिल स्नान और भोजन दोनों ही श्रेष्ठ हैं। अत: जो मनुष्य जितने तिलों का दान करता है, उतने ही हजार वर्ष स्वर्ग में वास करता है।

18 जनवरी 2023 को षटतिला एकादशी के दिन तिल स्नान, तिल उबटन, तिल का हवन, तिल से तर्पण, तिल का भोजन और तिल का दान करने का महाशुभ अवसर है... 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ALSO READ: माघ बिहू त्योहार कब, क्यों और कैसे मनाया जाएगा, क्या है इसका महत्व?

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख