पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा विधि, उपवास रखने के मिलेंगे 10 फायदे

WD Feature Desk
शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (17:02 IST)
When is Papamochani Ekadashi in 2025: चैत्र माह में कामदा और पापमोचिनी एकादशी आती है। कामदा से राक्षस आदि की योनि से छुटकारा मिलता है और यह सर्वकार्य सिद्धि करती है और पाप मोचिनी एकादशी के दिन व्रत करते हुए अप्सरा मंजुघोषा की कथा सुनने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। इस बार यह एकादशी 25 मार्च 2025 को रखी जाएगी। हालांकि वैष्णव पापमोचिनी एकादशी 26 मार्च को रहेगी। जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। पापमोचनी एकादशी के दिन किसी की निंदा और झूठ बोलने से बचना चाहिए।
 
पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा विधि:
- पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
- भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- पापमोचनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
- दिन भर उपवास रखें और शाम को भगवान विष्णु की आरती करने के बाद फलाहार करें।
- अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
- तत्पश्चात पारण करें।ALSO READ: पापमोचनी एकादशी की पौराणिक कथा
 
पापमोचनी एकादशी व्रत रखने के मिलेंगे 10 फायदे:
1. पापमोचिनी एकादशी व्रत करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। एकादशी तिथि को जागरण करने से कई गुना पुण्य भी मिलता है।
2. इस एकादशी का विधिवत व्रत करने से सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
3. इस एकादशी का व्रत रखने से वाजपेय और अश्‍वमेध यज्ञ का फल मिलता है और हर कार्य में सफलता मिलती है।
4. पापमोचिनी एकादशी व्रत रखने के महत्व के बारे में भगवान श्रीकृ्ष्ण अर्जुन से कहते हैं कि जो व्यक्ति इस व्रत को रखता है, उसके समस्त पाप खत्म हो जाते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5. मान्यता है कि एकादशी व्रत को विधि-विधान से रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
6. इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पीले फुलों से पूजा करने से भक्त पर उनकी कृपा बरसती है।
7. इस दिन नवग्रहों की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इससे चंद्रदोष समाप्त हो जाता है।
8. इस एकादशी का व्रत रखने से मन और मस्तिष्क के सभी बुरे विचार समाप्त होकर मन निर्मल बन जाता है।
9. विकट से भी विकट स्थिति में भी यदि यह व्रत रख लिया तो श्रीहरि विष्णु की कृपा से तुरंत ही संकटों का समाधान होता है।
10. इस व्रत को करने से ब्रह्महत्या, स्वर्ण चोरी, मदिरापान, अहिंसा और भ्रूणघात समेत अनेक घोर पापों के दोष से मुक्ति मिलती है।
 

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