Biodata Maker

पर्यावरण संवाद सप्ताह :प्रकृति को सुरक्षित रखते तो कोरोना जैसी बीमारी नहीं आती...

Webdunia
जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित पर्यावरण संवाद सप्ताह मेें पर्यावरणविद अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि आज पर्यावरण पूरी दुनिया के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। अब तक इंसान द्वारा बिगाड़े गए संतुलन के चलते ही इस साल विश्व पर्यावरण दिवस से दो तीन महीने पहले से सारी दुनिया स्थिर हो चुकी थी। 
 
दरअसल हमने अपनी आवश्यकताओं को इस कदर बढ़ा दिया था कि दूसरे जीवों के लिए कोई स्थान नहीं था। 1980 से 2000 के दो दशकों में ही हम 90 % वनों को तबाह कर चुके थे। वनों की परिभाषा केवल पेड़ों तक नहीं होती बल्कि यह पूरा जैवतंत्र  है। इसमें कई तरह के जीव पलते है और भोजन की पूरी श्रृंखला होती है जो पारस्परिक तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
 
हम विकास के नाम पर बहुमंजिला इमारतों, लंबी चौड़ी सड़कों सहित उपभोगवादी जीवन शैली अपनाते हुए हम यह भी भूल गए कि अकेले हम ही नहीं है इस प्रकृति के और भी वाहक हैं। दुनिया का सबसे बड़ा रोजगार आज भी खेतीबाड़ी है और रहेगा भी लेकिन हम इसे लेकर भी गंभीर नहीं हुए। हमारे 90 प्रतिशत मूल बीज लुप्त हो चुके हैं लेकिन खेतों में रासायनिक खाद का उपयोग बंद नहीं हो रहा है।

हमें समझना होगा कि हम अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। इंसान के लिए जरुरी है कि वह याद रखे कि हम सभी प्रकृति पर निर्भर है। हम अपनी सीमाएं पार कर रहे हैं। भविष्य में 2 अरब गाड़ियां सड़कों पर होंगी, अब इनसे होने वाले प्रदूषण की कल्पना आप स्वयं कर लीजिए। प्रकृति का तंत्र हमारे नियंत्रण में नहीं है। 
 
 प्रभु और प्रकृति में कोई अंतर नहीं। अन्तर होता तो आज कोरोना जैसा संकट नहीं होता। प्रकृति को सुरक्षित रखते तो कोरोना जैसी बीमारी नहीं आती। एक वायरस ने हमें ये बता दिया कि प्रकृति के सही मायने क्या हैं। हमने धरती से जुड़े वन, नदी के लिए भी जगह नहीं छोड़ी। दुनिया में 68 अरबपति हैं जिनकी संपत्ति असंतुलन का कारण है। जीवन सबका है तो प्रकृति पर भी हक सबका है।

आज संकट यह भी है हम विकास की कौन सी परिभाषा अपनाएं ? प्रकृति को संरक्षित करने वाला विकास ही असली विकास कहा जा सकता है। आप खुद पांच दिन काम करने के बाद दो दिन आराम करेंगे लेकिन क्या हमने सोचा कि प्रकृति को भी आराम चाहिए़? कोरोना ने प्रकृति को थोड़ा सुस्ताने का अवसर दिया है और इंसान को थोड़ा सोचने का।
 
इस ऑनलाइन चले सप्ताह भर के कार्यक्रम के समापन पर सेंटर की डायरेक्टर डॉक्टर जनक पलटा ने पद्म भूषण डॉक्टरअनिल प्रकाश जोशी सहित उन सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई और अपने विचार रखे। उन्होंने समापन अवसर पर कहा कि बहाई लेखों के अनुसार मनुष्य को विवेक और आत्मा उपहार में दी गई है और इस तरह मानव को ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना कहा जाता है। ईश्वर की सभी रचनाओं और प्रकृति के पांच तत्वों सहित सद्भावना से जीना ही सस्टेनेबल विकास माना जा सकता है। 
 
डॉक्टर पलटा ने कहा कि संवाद सप्ताह के दौरान जहां ग्लोबल इकोलॉजिस्ट वंदना शिवा ने अपने उद्घाटन भाषण में हमें जैविक खेती और स्वदेशी बीजों के साथ जाने का मार्गदर्शन किया वहीं प्रेम जोशी और अनुराग शुक्ला ने मध्य प्रदेश में जैव विविधता के संकट और समाधानों के बारे में बात की। 
 
समीर शर्मा ने जैव विविधता संबंधी प्रौद्योगिकी के बारे में बात की तो ओपी जोशी और अंबरीश केला ने इंदौर की वृक्ष प्रेम की संस्कृति वापस लाने पर प्रकाश डाला। देव वासुदेवन और जयश्री सिक्का ने वनस्पति व वन प्रजातियों को लेकर चेताया। इन सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद देते हुए डॉक्टर पलटा ने कहा कि हम जल्द ही अगले वर्ष की कार्य योजना की बैठक करेंगे। उन्होंने इस दिशा में काम कर रहे राजेंद्र सिंह, गोविंद माहेश्वरी, निक्की सुरेका, नंदा दीदी और राजेंद्र भाई को भी बधाई प्रेषित की।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Putin India Visit : पुतिन के भोज में थरूर को आमंत्रण, राहुल गांधी और खरगे को नहीं बुलाने पर कांग्रेस नाराज, सुनना थी अंतरात्मा की आवाज

क्यों हो रही है indigo की उड़ानें रद्द, FDTL रद्द, जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन, कब सामान्य होंगे हालात

Vladimir Putin: व्लादिमीर पुतिन कैसे बने रूस की जासूसी संस्था KGB के जासूस?

putin india vist Updates : PM मोदी और पुतिन के ऐलान के बाद उड़ी पाकिस्तान की नींद, रूस और भारत में क्या हुआ समझौता

Vladimir Putin के भारत दौरे से तिलमिलाया अमेरिका, ट्रंप ने करीबी की कंपनी पर ठोंका 71 लाख डॉलर का जुर्माना

सभी देखें

नवीनतम

Putin India Visit : पुतिन के भोज में थरूर को आमंत्रण, राहुल गांधी और खरगे को नहीं बुलाने पर कांग्रेस नाराज, सुनना थी अंतरात्मा की आवाज

यूपी में नवाचार की नई परंपरा, इनक्यूबेशन सेंटर बने विकास के अग्रदूत

योगी सरकार का अवैध नशे पर बड़ा प्रहार, कोडीन के दुरुपयोग पर 128 फर्मों पर एफआईआर

योगी सरकार का अवैध नशे पर बड़ा प्रहार, कोडीन के दुरुपयोग पर 128 फर्मों पर FIR

क्यों हो रही है indigo की उड़ानें रद्द, FDTL रद्द, जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन, कब सामान्य होंगे हालात

अगला लेख