23 साल में करीब 4 फीसदी घट गया आपके EPF पर ब्याज, जानिए पीएफ क्यों है आपके लिए खास?

नृपेंद्र गुप्ता
शनिवार, 4 जून 2022 (18:10 IST)
नई दिल्ली। देशभर में प्राइवेट नौकरियां कर रहे 6 करोड़ 38 लाख 84 हजार 367 कर्मचारियों को मोदी सरकार ने बड़ा झटका देते हुए वित्त वर्ष 2022 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की ब्याज दर 8.1 प्रतिशत तय कर दी। यह चार दशक में पीएफ पर मिलने वाला सबसे कम ब्याज है।
 
केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज दर मार्च में तय की थी और पिछले साल अक्टूबर में वित्त मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की थी। वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ ब्याज दर 8.5 फीसदी, 2018-19 में 8.65 फीसदी, 2017-18 के लिए 8.55 फीसदी और 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी थी।
 
एक समय मिलता था 12 फीसदी ब्याज : PF धारकों के लिए सबसे अच्छा समय 1989 से 1999 तक था। इस अवधि में ब्याज दर 12 प्रतिशत थी। इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट दिखाई दे रही है। 2015-16 में घटकर यह ईपीएफ 8.8 प्रतिशत पर आ गई। 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दे दी है। 
 
1952 में था 3 फीसदी ब्याज : कर्मचारियों का पीएफ काटने की शुरुआत 1952 में हुई थी। उस समय PF पर ब्याज दर केवल 3% थी। हालांकि, उसके बाद इसमें लगातार बढ़ोतरी होती गई। 1972 में यह पहली बार 6% के ऊपर पहुंची। 1984 में पहली बार ईपीएफ पर 10% ब्याज दिया गया। 1989 से 1999 तक PF पर 12% ब्याज मिलता था। इसके बाद ब्याज दर में गिरावट आनी शुरू हो गई। 1999 के बाद ब्याज दर कभी भी 10% के करीब नहीं पहुंची। 2001 के बाद से यह 9.50% के नीचे ही रही है। पिछले सात सालों से यह 8.50% या उससे कम रही है।

किन लोगों का कटता है EPF : कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक रिटायर्मेंट प्लान है। इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है। ईपीएफ योजना में कर्मचारी और उसका नियोक्ता/ कंपनी हर महीने बराबर राशि का योगदान करते हैं जो मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% होता है। कंपनी के योगदान का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के लिए जाता है। ऐसे प्राइवेट संस्थान जहां 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, EPF कटवाना अनिवार्य है।

आसान है पैसा निकालना : भविष्यनिधि (EPF) से पैसा निकालना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको न तो भविष्य कार्यालय के चक्कर काटने की जरूरत है और न ही कागजी खानापूर्ति करने की। दरअसल, इसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर अपनी राशि आसानी से निकाल सकते हैं।
 
EPF से किन स्थितियों में निकाल सकते हैं पैसा : ज्यादातर कर्मचारी पीएफ एडवांस के रूप में या तो मकान निर्माण के लिए निकालते हैं या फिर बच्चों की शादी के लिए। आंशिक निकासी के लिए आपको फॉर्म-31 भरना होगा। इसके अलावा फाइनल सेटलमेंट फॉर्म-19 और पेंशन निकासी लाभ के लिए फॉर्म 10-सी भरना होता है। यदि आप बच्चों के विवाह के लिए एडवांस ले रहे हैं तो आपको 50 प्रतिशत तक (सिर्फ कर्मचारी का अंशादान) मिल सकती है। अगर आपकी नौकरी छूट जाती है तो भी आप ईपीएफ से पैसा निकाल सकते हैं।
 
कैसे चेक करें बैलेंस : उमंग एप पर : सबसे पहले उमंग एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करें। इसमें ट्रेंडिंग में आपको EPFO का एप दिखाई देगा। इस पर क्लिक करें। इसमें आपको 5 विकल्प दिखाई देंगे। कर्मचारी केंद्रित सेवाएं, सामान्य सेवाएं, इम्पलायर केंद्रित सेवाएं, पेंशनर सेवाएं और ई-केवायसी सेवाएं।
 
कर्मचारी केंद्रित सेवाएं पर क्लिक करें। यहां आपको पासबुक देखें, क्लेम करें, क्लेम ट्रेक करें और UAN एक्टिवेशन जैसे विकल्प दिखाई देंगे।  इस पर आप इसके बाद यूएएन संख्या दर्ज करें और गेट ओटीपी पर क्लिक करें। इसके बाद ओटीपी जनरेट होगा, जो आपके रजिस्टर्ड नंबर पर आएगा। ओटीपी दर्ज करते ही आपके पीएफ खाते से जुड़ी जानकारी सामने आ जाएगी। आप इसे अपने मोबाइल पर डाउनलोड भी कर सकेंगे।
 
मिस्ड कॉल के माध्यम से : इसके अलावा आप मिस्‍ड कॉल के जरिए अपना पीएफ बैलेंस बहुत आसानी से पता कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड कॉल करना होगा। इसके बाद मैसेज के जरिए पता चल जाएगा कि आपके अकाउंट में कितना पीएफ का बैलेंस है।
 
ईपीएफओ की वेबसाइट पर : आप ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ई-पासबुक की लिंक पर क्लिक कर अपना बैलेंस देख सकते हैं। लिंक पर क्लिक करने के बाद अपना UAN नंबर और पासवर्ड डालें तथा व्यू पासबुक पर क्लिक करें।
 
क्या है EPF का पेंशन फार्मूला : मौजूदा नियमों के मुताबिक, EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला= मंथली पेंशन=(पेंशन योग्य सैलरी x EPS खाते में जितने साल कंट्रीब्यूशन रहा)/70 है। अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपए या उससे ज्यादा है तो पेंशन फंड में 1250 रुपए जमा होंगे। कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन की कैल्कुलेशन भी अधिकतम सैलरी 15 हजार रुपए ही मानी जाती है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी EPS रूल के तहत अधिकतम 7,500 रुपए बतौर पेंशन मिल सकते हैं। अगर 15 हजार की लिमिट हटती है और आपकी सैलरी 30 हजार है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से (30,000X30)/70 = 12,857 रुपए पेंशन मिलेगी।

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