भारत में 50 प्रतिशत लोग फिजिकली एक्‍टिव नहीं, 2030 तक 60 प्रतिशत भारतीय हो जाएंगे अनफिट

Lancet global health मैगजीन में चौंकाने वाला खुलासा, जरूरी श्रम भी नहीं करते भारतीय

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 26 जून 2024 (18:40 IST)
Lancet global health report: ग्लोबल हेल्थ मैगजीन लेंसेट ने चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब आधे भारतीय आलसी हैं। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि ये वे भारतीय है जो रोजाना के लिए जरूरी शारीरिक श्रम या एक्‍सरसाइज भी नहीं करते।

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक हेल्दी रहने के लिए कम से कम सप्ताह में 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है, लेकिन आधे भारतीय इस पैमाने पर खरे नहीं उतरते हैं। यह पूरा खुलसा ‘द लांसेट ग्लोबल हेल्थ’ जर्नल में प्रकाशित एक शोधपत्र में हुआ है।

हिलते-डुलते भी नहीं भारतीय : करीब 57 प्रतिशत महिलाएं फिजिकली बहुत कम एक्टिव हैं, जबकि 42 प्रतिशत पुरुष अपने शरीर को बहुत कम हिलाते-डुलाते है। 2000 के आसपास यह आंकड़ा कुल वयस्क भारतीयों का सिर्फ 22.3 प्रतिशत था जो अब 49.4 प्रतिशत हो गया है। इस आलसीपन का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि 2030 तक करीब 60 प्रतिशत भारतीय अनफिट हो जाएंगे, क्योंकि वे कोई न कोई क्रोनिक बीमारियों से पीड़ित रहेंगे।

क्‍या कहा है रिपोर्ट में : शोधकर्ताओं के मुताबिक 2010 में शारीरिक रूप से पर्याप्त सक्रिय नहीं रहने वाले वयस्कों की संख्या 26.4 प्रतिशत थी, जिसमें 2022 में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अगर इस अवधि की तरह ही आगे भी रुझान रहा तो शारीरिक सक्रियता में 15 प्रतिशत के सुधार के तय लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता।

2030 तक ये होगा हाल: अनुसंधानकर्ताओं ने खुलासा किया कि 2000 में करीब 22 प्रतिशत वयस्क पर्याप्त रूप से शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं थे, जबकि 2010 में यह दर बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई। रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह कही गई है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2030 तक भारत में कम शारीरिक सक्रियता वाले लोगों की संख्या बढ़कर 60 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।

ये आलम है बीमारियों का : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-भारत मधुमेह (आईसीएमआर-इंडियाबी) द्वारा 2023 में किए गए एक अनुसंधान पत्र को ‘द लांसेंट डायबिटीज एंड इंडोक्राइनोलॉजी’ जर्नल में प्रकाशित किया गया था। इसके मुताबिक 2021 में भारत में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित थे, जबकि इसी साल उच्च रक्तचाप के शिकार लोगों की संख्या 31.5 करोड़ थी। इस अध्ययन के मुताबिक 25.4 करोड़ लोग मोटापे के शिकार थे, जबकि 18.5 करोड़ लोगों उच्च कोलेस्ट्रोल से जूझ रहे थे।
सोर्स : लेंसेट की रिपोर्ट के आंकड़े

शोध में सामने आया कि दुनिया में 60 साल या उससे अधिक आयु के पुरुष और महिलाएं दोनों में अपर्याप्त शारीरिक सक्रियता की दर बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अपर्याप्त शारीरिक सक्रियता से गैर-संचारी रोगों, जैसे मधुमेह और हृदयरोग, का खतरा बढ़ जाता है।

क्‍या होगा अगर रेगुलर नहीं रहे एक्‍टिव तो : वेबदुनिया ने इस बारे में कॉर्डियोलॉजिस्‍ट डॉ. अखिलेश जैन और जनरल फिजिशियन डॉ प्रवीण दानी से चर्चा की। उन्‍होंने बताया कि जब आप कुछ मेहनत नहीं करेंगे पूरा दिन बैठे रहेंगे तो इससे भोजन से प्राप्त एनर्जी खर्च नहीं होगी। यह एनर्जी शरीर में चर्बी के रूप में जमा होने लगेगी। यह चर्बी मोटापे को बढ़ाती है। मोटापा बढ़ने से कई बीमारियां अपने आप लग जाएगी। वही फिजिकली एक्टिव नहीं रहने से कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ने लगेगा और यह ब्लड वैसल्स में जमा होने लगेगा। यह कोलेस्ट्रॉल हार्ट को नुकसान पहुंचाएगा। एक तरह से यह सब मिलकर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज जैसी क्रोनिक बीमारियों को आमंत्रण देगा। हार्ट डिजीज अगर हुआ तो इससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाएगी। वहीं अगर कम एक्सरसाइज करेंगे तो इससे कोलोन और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

कैसे रहना चाहिए फिट : डॉक्‍टर और विशेषज्ञों का मानना है कि कम से कम 150 मिनट तक एयरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसमें जरूरी नहीं कि आप जिम जाएं बल्कि वॉक भी कर सकते हैं। जॉगिंग करे। साइक्लिंग, स्विमिंग, रनिंग जैसी एक्सरसाइज हमारे लिए बेहद जरूरी है।
Edited by Navin Rangiyal/ (भाषा)
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