जब आर्मी चीफ जनरल वकर उज़ ज़मान प्रेसवार्ता कर रहे थे, ठीक उसी वक्त हसीना भारत में लैंड कर रही थीं
अभी भारत में ली शेख हसीना ने शरण, अब यहां से कहां जाएगी?
क्या आरक्षण ने बिगाड़ा शेख हसीना का खेल?
क्या है बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट की पूरी कहानी?
Story Of Rise and Fall Of Bangladesh: 5 अगस्त 2024 से लेकर अब तक बांग्लादेश से जो भी दृश्य सामने आ रहे हैं, वे श्रीलंका और अफगानिस्तान की बर्बादी की याद दिला रहे हैं। 5 अगस्त को जैसे ही प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दिया और जैसे ही उनके हेलिकॉप्टर में बैठकर भारत आने की खबर आई, उतने वक्त में बांग्लादेश का सिस्टम ताश के पत्तों की तरह ढह गया।
He ousted her not only from power but also from the country.
He gave Sheikh Hasina just 45 minutes to resign and flee the country.
जब प्रेसवार्ता में यह बयान टीवी चैनलों पर चल रहा था, ठीक उसी वक्त शेख हसीना भारत में राजधानी दिल्ली के पास सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड कर रही थीं। इस दृश्य के साथ ही बांग्लादेश की 15 साल की स्थिर सत्ता 45 मिनट में ध्वस्त हो गई।
हिंडन एरयबेस में शेख हसीना : शेख हसीना जब गाजियाबाद के हिंडन एरयबेस पहुंचीं तो उसके बाद उनको एक सेफ हाउस भेज दिया गया। उनका विमान अब भी वहीं एरयबेस पर ही मौजूद है। उनके आने के बाद से भारत सरकार में बैठकों का दौर जारी है। हिंडन में एनएसए अजीत डोभाल, पश्चिमी वायु कमान प्रमुख एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा समेत शीर्ष खुफिया और सैन्य अधिकारियों के साथ शेख हसीना से मिलने पहुंचे। दोनों के बीच करीब 1 घंटे तक बातचीत हुई। शेख हसीना 6 अगस्त की रात को भी भारत में ही रहेंगी।
क्या हसीना को ये गलती भारी पड़ी : दरअसल, एक साल पहले भारत ने हसीना को आगाह भी किया था। भारत ने कहा था कि वे जनरल वकर उज़ ज़मान को सेना प्रमुख न बनाएं। लेकिन, उन्होंने भारत की बात को अनसुना कर दिया। दरअसल, जनरल वकर उज़ ज़मान पीएम शेख हसीना के दूर रिश्ते में बहनोई लगता है। उसने हिंसा और प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण के बजाय हसीना को देश छोड़ने की चेतावनी दी थी। इतना ही नहीं हसीना को देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट का वक्त दिया था। इस बीच, हसीना की धुर विरोधी खालिदा जिया को भी जेल से रिहा कर दिया गया। बांग्लादेश से जिस तरह के दृश्य सामने आ रहे हैं, उससे बांग्लादेश के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
भारत से कहां जाएगी हसीना : शेख हसीना दुनिया में किसी भी देश पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महिला हैं। मुश्किल हालातों में बांग्लादेश छोड़ने के बाद वह लंदन जा सकती हैं। उनके रिश्तेदार लंदन, अमेरिका और सिंगापुर जैसे देशों में रहते हैं। शेख हसीना को जब तक अन्य देश में शरण नहीं मिलती, वह तब तक भारत में ही रह सकती हैं। सबसे ज्यादा अटकलें लंदन जाने की लगाई जा रही हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि लंदन से अब तक उन्हें हरी झंडी नहीं मिली है।
(बांग्लादेश में 1972 में लागू हुई थी आरक्षण प्रणाली, 2018 में किया खत्म।) क्या आरक्षण ने बिगाडा हसीना का खेल: बांग्लादेश साल 1971 को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर उभरा। साल 1972 में इसे बतौर देश मान्यता मिली थी। 1972 में तत्कालीन सरकार ने मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था। हालांकि साल 2018 में सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया। इस साल जून में हाईकोर्ट के फैसले ने इस आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के फैसले को गैर कानूनी बताते हुए इसे दोबारा लागू कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा था फैसला : उच्च न्यायालय के फैसले के बाद बांग्लादेश में व्यापक पैमाने में विरोध प्रदर्श शुरू हो गए। शेख हसीना सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिसने हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल पांच फीसदी नौकरियां स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए आरक्षित होगी। दो फीसदी नौकरियां अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों के लिए आरक्षित होगी। अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 अगस्त को होनी थी लेकिन, इससे पहले विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और हसीना की सत्ता का तख्ता पलट हो गया।
आईएसआई ने लिखी स्क्रिप्ट : बांग्लादेश में जानलेवा हिंसा को भड़काने के पीछे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में छात्र शिविर नाम के छात्र संगठन ने इस हिंसा को हवा देने का काम किया है। यह छात्र संगठन बांग्लादेश में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की शाखा है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन प्राप्त है।
बांग्लादेश में अब तक क्या-क्या हुआ?
कोटा सिस्टम के खिलाफ छात्रों में भारी नाराजगी।
बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन।
हिंसा और आगजनी के बीच पूरे देश में कर्फ्यू।
देश में 3 दिनों तक सरकारी कार्यालय बंद।
प्रदर्शन में छात्रों के साथ विपक्षी पार्टियां शामिल।
सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।
देशभर में अवामी लीग पार्टी के दफ्तर में तोड़फोड़।
पीएम शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की गई।
सड़कों पर आर्मी टैंकों के साथ पेट्रोलिंग कर रही।
अब तक 11,000 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी।
एक महीने में करीब 300 लोगों की मौत।
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंसा में 100 लोगों की मौत