क्‍या है EWS आरक्षण, किसे मिलेगा इसका फायदा और क्‍या हैं इसके नियम?

Webdunia
सोमवार, 7 नवंबर 2022 (13:20 IST)
सामान्‍य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मिलने वाले EWS आरक्षण (EWS Reservation) पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस 10 फीसदी आरक्षण को वैध करार दिया है। मतलब सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आरक्षण को जारी रखने की हरी झंडी मिल गई है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2019 में संविधान के 103वें संशोधन के जरिए गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी, लेकिन इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बैंच ने 3-2 से EWS आरक्षण को सही ठहराया है।

आइए जानते आखिर क्‍या है EWS आरक्षण और किसे होगा इससे फायदा और क्‍या है इसके लिए पात्रता के नियम।

EWS पर 5 जजों ने क्‍या कहा?
जस्टिस रवींद्र भट :
आरक्षण की सीमा पार करना आधारभूत ढांचे के खिलाफ है। आरक्षण देना कोई गलत नहीं, लेकिन EWS आरक्षण भी एससी, एसटी और ओबीसी के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए।

चीफ जस्टिस यूयू ललित : जस्‍टिस यूयू ललित ने भी EWS के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि वह जस्टिस भट के निर्णय के साथ हैं। इस तरह EWS कोटे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला 3:2 रहा।

जस्टिस जेबी पारदीवाला : EWS कोटा सही है। मैं जस्टिस माहेश्वरी और जस्टिस त्रिवेदी के फैसले के साथ हूं। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि मैं EWS संशोधन को सही ठहराता हूं। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हालांकि EWS कोटा को अनिश्चितकाल के लिए नहीं बढ़ाना चाहिए।

जस्टिस बेला त्रिवेदी : संविधान का 103वां संशोधन सही है। एससी, एसटी और ओबीसी को तो पहले से ही आरक्षण मिला हुआ है। इसलिए EWS आरक्षण को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता है। इसलिए सरकार ने 10 फीसदी अलग से आरक्षण दिया।

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी : हमने समानता का ख्याल रखा है। क्या आर्थिक कोटा आरक्षण देने का एकमात्र आधार हो सकता है। आर्थिक आधार पर कोटा संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है।

क्‍या है EWS आरक्षण : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) भारत में समाज का वह वर्ग है, जो अनारक्षित श्रेणी से संबंधित है और जिसकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपए से कम है। इस श्रेणी में वे लोग शामिल हैं जो एसटी, एससी, ओबीसी की जाति श्रेणियों से संबंधित नहीं हैं, जो पहले से ही आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं।
ALSO READ: EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, गरीबों को मिलता रहेगा 10 फीसदी आरक्षण
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में 103वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती दी गई थी। इसमें उच्च शिक्षण संस्ताओं में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव किया गया है। पीठ ने 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस मामले में करीब 7 दिनों तक सुनवाई की थी।

किसके लिए है EWS, किसे होगा फायदा?
EWS का अर्थ होता है आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग। इस श्रेणी में रिजर्वेशन यानी आरक्षण सिर्फ जनरल कैटेगरी यानी सामान्य वर्ग के लिए है। अन्य श्रेणी के वर्गों जैसे ओबीसी (27%), एससी (15%), और एसटी (7.5%) आरक्षण पहले से है। EWS का जो फैसला आया है उसका फायदा आपके और आपके परिवार की वार्षिक आय पर निर्भर करता है। जिन लोगों की वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम है, उन्‍हें इसका फायदा मिलेगा। आय के इन साधनों में सिर्फ वेतन, कृषि, व्यवसाय और अन्य पेशे से मिलने वाली आय भी शामिल हैं। इसका फायदा लेने के लिए व्यक्ति को सक्षम अधिकारी से प्राप्त प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।

क्‍या है इसके नियम? कैसे कर सकते EWS कोटे पर दावा? Edited By : Navin Rangiyal 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

Manipur: विधायकों के घरों पर हमले के सिलसिले में 46 वर्षीय महिला गिरफ्तार

LIVE: अडाणी मामले में भारी हंगामा, संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही स्थगित

संभल हिंसा पर एक्शन में योगी सरकार, लगेंगे पत्थरबाजों के पोस्टर

तमिलनाडु में हुई रातभर बारिश, खड़ी फसलें प्रभावित, IMD ने किया अलर्ट

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर क्या बोले पवन कल्याण?

अगला लेख