सलमान रुश्दी : प्रोफाइल

Webdunia
शनिवार, 2 फ़रवरी 2013 (19:36 IST)
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सर अहमद सलमान रुश्दी भारतीय कश्मीरी मूल के ब्रिटिश ‍‍न‍िबंधकार और उपन्यास लेखक हैं जिनका जन्‍म भारत में हुआ है। उनके दूसरे उपन्यास 'मिडनाइट्‍स चिल्ड्रन' को 1981 में बुकर पुरस्कार मिला था।

भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की पृष्ठभूमि से जुड़ा उनका यह उपन्यास आज भी अपनी कल्पनाशीलता और जादुई यथार्थता (मैजिक रियलिज्म) के लिए जाना जाता है। इसे बेस्ट ऑफ द बुकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

उनके चौथे उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेज' (शैतानी आयतों) को लेकर सारी दुनिया में बवाल पैदा हो गया था और ईरान के सबसे बड़े धर्मगुरु अयातोल्लाह रुहोल्लाह खामैनी ने उनकी हत्या किए जाने का फतवा जारी कर दिया था जिसके बाद उन्हें एक लम्बे समय तक भूमिगत रहना पड़ा था।

उनके चौथे उपन्यास 'द सैटनिक वर्सेज' पर बहुत विवाद हुआ और भारत समेत कई देशों में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे सारी दुनिया के मुस्लिम इतने उत्तेजित हुए कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्लाह खामैनी ने उनकी हत्या का फतवा जारी कर दिया।

उन्हें फ्रांस की सरकार ने सम्मानित किया और महारानी इलिजाबेथ द्वितीय ने उन्हें सर की उपाधि दी। टाइम ने उन्हें ब्रिटेन के 1945 के बाद के महान लेखकों में तेरहवां स्थान दिया। ब्रिटेन के साथ-साथ वे अमेरिका में भी रहे जहां उन्होंने इमॉली विश्वविद्यालय में काम किया और उन्हें 'अमेरिकन अकादमी ऑफ आर्ट्‍स एंड लेटर्स' में भी चुना गया। हाल में उनके संस्मरण 'जोसेफ एंटन: ए मेमोयर्स' के नाम से आए हैं।

सलमान कैम्ब्रिज में पढ़े वकील से कारोबारी बने अनीस अहमद रुश्दी के अकेले बेटे हैं जो कि उनकी अध्यापक पत्नी नगीन भट्‍ट से बॉम्बे में पैदा हुए थे। वे कश्मीरी मुस्लिमों के परिवार में पैदा हुए थे।

रुश्दी ने 2012 में लिखा है कि उनके पिता ने एवरोज (इब्न रश्द) के सम्मान में अपना नाम रुश्दी रख लिया था। सलमान रुश्दी का जन्म 19 जून, 1947 में तत्कालीन बॉम्बे (आज के मुंबई) में हुआ था। उन्होंने यहां कैथड्रेल एंड जॉन कॉनन स्कूल में शिक्षा की शुरुआत की थी और बाद में वे कैम्ब्रिज के रग्बी स्कूल और किंग्स कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज में इतिहास के विद्यार्थी रहे।

उनका शुरुआती लेखन एक कॉपीराइटर के तौर पर हुआ था। ओग्लिवी एंड मैदर में काम करते हुए उन्होंने 'मिडनाइट्‍स चिल्ड्रन' लिखी। बाद में पूर्णकालिक लेखक बन गए। अपने पहले उपन्यास से ही उन्हें बहुत प्रसिद्धि मिली। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता पर उपन्यास शेम‍ लिखा।

नॉन फिक्शन, गीत, बच्चों के लिए किताबें, लेख और कहानियां लिखीं। उनके ‍लेखन पर जेम्स जॉयस, गुंटर ग्रास, जॉर्ज लुइस बोर्जेस, मिखाइल बुल्गाखोव और लुईस कैरोल का प्रभाव रहा। रुश्दी कहते हैं कि अगर उनका लेखन करियर सफल नहीं होता तो वे एक अभिनेता बनना पसंद करते।

बचपन में वे हॉलीवुड फिल्मों के बहुत शौकीन रहे हैं और बाद में इन फिल्मों में उन्होंने छोटे मोटे रोल भी किए। उन्होंने दीपा मेहता के साथ मिलकर मिडनाइट्‍स चिल्ड्रन की पटकथा भी लिखी है। वे अमेरिकी टीवी शो के लिए भी लिख रहे हैं।

रुश्दी के चार विवाह हुए हैं। उनका पहला विवाह क्लारिसा लुआर्ड से हुआ जो कि 1976 से 1987 तक चला। इस विवाह से 1980 में एक बेटा जफर पैदा हुआ था। उनकी दूसरी पत्नी अमेरिकी उपन्यासकार मैरियन विगिन्स थीं जिनसे उनका विवाह 1988 में हुआ था 1993 में दोनों अलग हो गए थे।

एलिजाबेथ वेस्ट उनकी तीसरी पत्नी थी जो कि 1997 से 2004 तक उनके साथ रहीं। 1999 में उनका एक बेटा मिलन पैदा हुआ। 2004 में उन्होंने भारतीय अमेरिकी अमिनेत्री और मॉडल पद्‍मा लक्ष्मी से विवाह किया जिनसे संबंध विच्छेद 2 जुलाई 2007 को हो गया।

वर्ष 2000 के बाद से रुश्दी ज्यादातर समय न्यूयॉर्क शहर के यूनियन स्क्वायर में रहे हैं। बुकर और बुकर्स बुकर पुरस्कार मिलने के अलावा उन्हें अन्य बहुत से पुरस्कार मिले हैं।

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