Live Updates : किसानों से संवाद में पीएम मोदी ने गिनाए कृषि कानूनों के फायदे, 3 बड़े झूठ का पर्दाफाश

Webdunia
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (14:39 IST)
नई दिल्ली। 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 23वें दिन भी जारी है। किसानों और सरकार दोनों ही पीछे हटने को तैयार नहीं है। कृषि आंदोलन से जुड़ी हर जानकारी...
 

02:50 PM, 18th Dec
-प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, किसानों को सिर्फ मंडियों से बांधकर बीते दशकों में जो पाप किया गया है, ये कृषि सुधार कानून उसका प्रायश्चित कर रहे हैं।
-नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी।
-अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा।
-कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर। हमने कानून में क्या किया है? हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है।
-नए कृषि सुधारों को लेकर तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर।
-देश में फार्मिंग एग्रीमेंट क्या कोई नई चीज नहीं है।
-हमारे देश में बरसों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है।

02:38 PM, 18th Dec
-प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर MSP हटाना होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू क्यों करते?
-कानून 6 माह पहले ही लागू हो चुके थे। इसके बाद भी MSP की घोषणा की गई। MSP पर सरकारी खरीद हुई। और यह खरीद भी मंडियों में हुई।
-हम बुवाई से पहले MSP की घोषणा करते हैं।
-MSP न बंद होगी और न खत्म होगी
-MSP बंद होने से बड़ा कोई झूठ नहीं। MSP पर सरकार के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है।
-हमारी सरकार ने गेहूं, धान, चने, तूअर दाल, मूंग दाल पर MSP बढ़ाई। हर फसल पर पिछली सरकार से ज्यादा MSP।

02:32 PM, 18th Dec
-पीएम मोदी ने कहा, सरकार बार-बार पूछ रही है, पब्लिक में, मीटिंग में पूछ रही है कि आपको कानून के किस क्लोज में दिक्कत है, तो उन राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता, यही इन दलो की सच्चाई है।
-आज यूरिया की किल्लत की खबरें नहीं आतीं, यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़तीं। हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया।
-देश के किसानों को याद दिलाऊंगा यूरिया की। याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था? रात-रात भर किसानों को यूरिया के लिए कतारों में खड़े रहना पड़ता था या नहीं? कई स्थानों पर, यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें आती थीं या नहीं?
-हमारी सरकार ने जो पीएम-किसान योजना शुरू की है, उसमें हर साल किसानों को लगभग 75 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। यानि 10 साल में लगभग साढ़े 7 लाख करोड़ रुपए।

02:27 PM, 18th Dec
-नरेंद्र मोदी ने कहा ‍कि क्या राजनीति इस हद तक जाती है, कोई इस हद तक छल कपट कैसे कर सकता है, वो भी भोले-भाले किसानों के नाम पर।
-हर चुनाव के पहले ये लोग कर्जमाफी की बातें करते हैं, क्या कर्जमाफी होती है।
-किसान सोचता है अब पूरा कर्ज माफ होगा, बदले में मिलता था बैंक का नोटिस, गिरफ्तारी।
-नया पुराना हर अनुभव बताता है, जितनी ये घोषणा करते हैं उतनी कर्जमाफी कभी नहीं करते।
 

02:24 PM, 18th Dec
-प्रधानमंत्री ने कहा‍ कि किसानों के लिए समर्पित हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है।
-हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया।
-ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को 8 साल तक दबाकर बैठे रहे।
-किसान आंदोलन करते थे, प्रदर्शन करते थे लेकिन इन लोगों के पेट का पानी नहीं हिला।

02:22 PM, 18th Dec
-पीएम मोदी ने कहा, अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन जोतने के खेल खेले जा रहे हैं।
-किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं।
-मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए। मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए।
-मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए।
-कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए।

02:16 PM, 18th Dec
-पीएम मोदी ने कहा, बीते दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है।
-ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए। पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है।
-सचमुच में तो देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते रहे, किसानों के वोट बटोरते रहे, लेकिन किया कुछ नहीं।
-सिर्फ इन मांगों को टालते रहे और देश का किसान, इंतजार ही करता रहा।

02:04 PM, 18th Dec
-मध्यप्रदेश के रायसेन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किसानों से संवाद कर रहे हैं पीएम मोदी।
-तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृष्य में भारत का किसान, सुविधाओं के अभाव में, आधुनिक तौर तरीकों के अभाव में असहाय होता जाए, ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती। पहले ही बहुत देर हो चुकी है। जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वो अब हो रहे हैं।
-आज यहां कार्यक्रम में कई किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। पहले हर किसान को ये कार्ड नहीं मिलता था। हमारी सरकार ने देश के हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने के लिए नियमों में बदलाव किए हैं।

10:59 AM, 18th Dec
-सर्वखाप पंचायत में बड़ा फैसला, 19 दिसंबर से यूपी के बागपत में किसानों का तीसरा मोर्चा अनिश्चित कालीन धरना देगा।
-अनिश्चितकाल के लिए सर्वखाप पंचायत दिल्ली की जगह बागपत के बड़ौत में करेगा आंदोलन।
-बागपत से निकलने वाले दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद किया जाएगा।
-सभी खापों के मुखियाओं की सहमति से तैयार हुआ आंदोलन का ब्लूप्रिंट।

10:59 AM, 18th Dec
-तमिलनाडु में द्रमुक नीत विपक्षी दल केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देते हुए शुक्रवार को एक दिन के अनशन पर बैठे।
-द्रमुक के प्रमुख एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता एम. के. स्टालिन, पार्टी की सांसद कनिमोई और विपक्षी गठबंधन के अन्य दलों के नेता शुक्रवार को यहां प्रदर्शन में शामिल हुए।

08:18 AM, 18th Dec
-कड़ाके की ठंड में भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं किसान।
-राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार ‘ठंडा दिन’ रहा जहां अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री नीचे 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और यह इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान है।
-‘ठंडा दिन’ उसे कहते हैं जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस कम होता है।
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Prime Minister Narendra Modi to address farmers of Madhya Pradesh through video conferencing today.

(file pic) pic.twitter.com/eNVUt1r41t

— ANI (@ANI) December 18, 2020 >-किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी आज कृषि कानूनों पर मध्यप्रदेश के किसानों से बात करेंगे।
-इस दौरान 35 लाख किसानों के बीच फसल हानि की भरपाई के मद में 1,600 करोड़ रुपए वितरित किए जाएंगे।


08:17 AM, 18th Dec
-दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना की, जिन्होंने गुरुवार को विधानसभा में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ते हुए इन्हें किसानों के हितों के खिलाफ बताया।
-गुप्ता ने कहा कि यह पंजाब की राजनीति के मद्देनजर एक "राजनीतिक स्टंट" और "नौटंकी" है।

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