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विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाकर लोकतंत्र की हत्या की गई : अखिलेश यादव

हमें फॉलो करें विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाकर लोकतंत्र की हत्या की गई : अखिलेश यादव
, सोमवार, 14 दिसंबर 2020 (20:06 IST)
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाकर लोकतंत्र की हत्या की गई है। भाजपा सरकार की दमनात्मक कार्रवाई के बावजूद उनकी पार्टी किसानों के समर्थन में सड़क से सदन तक संघर्ष जारी रखेगी।
 
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि किसानों के समर्थन में सभी जिलों में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सोमवार को सपा कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना दिया जिस पर पुलिस ने बर्बरता से लाठीचार्ज किया और हजारों की संख्या में गिरफ्तारी की। 
 
सभी जिलों में पार्टी के जिला तथा महानगर अध्यक्षों ने धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व किया। हर जगह सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे थे। कासगंज में बैलगाड़ी और भदोही तथा बुलन्दशहर में ट्रैक्टर भी प्रदर्शन में शामिल किए गए।
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर रोक लोकतंत्र की हत्या हो रही है। भाजपा सरकार चाहे जितना दमन और अत्याचार कर ले, अन्नदाता से अन्याय पर समाजवादियों का संघर्ष सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि किसान नाराज हैं और दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। आखिर ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई।
 
यादव ने कहा कि 2022 में प्रदेश में समाजवादी सरकार बनेगी। किसानों के माफिक जनहित के कदम उठाए जाएंगे। किसान को पूरा सम्मान और सुरक्षा मिलेगी। किसानों ने अंगड़ाई ली है। उनको अपमानित करने का भाजपा जो खेल खेल रही है उसका खामियाजा भी उसे भुगतना पड़ेगा। सत्ता के नशे में भाजपा संवेदनहीन बनती जा रही है।
 
सूत्रों ने बताया कि लखनऊ में जिला तथा महानगर के पदाधिकारियों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने जिला कार्यालय, कैसरबाग से जब कलेक्टोरेट की ओर कूच करना चाहा तो पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें रोक दिया।
 
नेता विरोधी दल रामगोविन्द चौधरी ने घर पर पुलिस द्वारा नज़रबंद किए जाने का विरोध करते हुए किसानों के समर्थन में अपने गौतमपल्ली लखनऊ, स्थित आवास के बाहर धरना दिया।
 
आज के प्रदर्शन में जयसिंह जयंत, सुशील दीक्षित, अनुराग यादव, पूर्व मंत्री केके गौतम, पूर्व विधायक इंदल रावत एवं रविदास मेहरोत्रा, रेहान नईम, गोमती यादव, डॉ. रामकरन निर्मल, विकास यादव, विजय सिंह, रामसागर, दीपक रंजन, सीएल वर्मा, नवीन धवन बंटी, टाइगर एवं जीतू पार्षद, महेन्द्र यादव, डॉ. राजवर्धन जाटव आदि शामिल हुए।
 
सीतापुर में आनंद भदौरिया एमएलसी, रामपाल राजवंशी पूर्व मंत्री, अनिल वर्मा, मनीष रावत, दिग्विजय सिंह देव, की गिरफ्तारी हुई। बाराबंकी में राजेश यादव, सुरेश यादव विधायक, गौरव रावत विधायक गिरफ्तार हुए। अरविन्द सिंह गोप पूर्वमंत्री को घर में ही नज़रबंद कर दिया गया। लखीमपुर में पूर्व विधायक उत्कर्ष वर्मा सहित बड़ी संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
 
प्रयागराज में एमएलसी रामवृक्ष यादव, विनोद चंद दुबे, अयोध्या में पूर्व विधायक जयशंकर पाण्डेय एवं पवन पाण्डेय तथा अभय सिंह की गिरफ्तारी हुई। गाजियाबाद में एनएच-9 पर समाजवादी पार्टी के प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया। कानपुर में विधायक अमिताभ बाजपेयी तथा इरफान सोलंकी गिरफ्तार किए गए। मुरादाबाद में सांसद एसटी हसन, विधायक हाजी इकराम कुरैशी, हाजी रिजवान तथा श्री नवाब जान को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
 
मैनपुरी में पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव, बृजेश कठेरिया, राज कुमार सिंह विधायक तथा पूर्वमंत्री आलोक शाक्य की गिरफ्तारी हुई।

अलीगढ़ में पूर्व विधायक राकेश कुमार सिंह, इटावा में पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया, अंशुल यादव जिला पंचायत अध्यक्ष, औरैया में प्रदीप यादव पूर्व सांसद, विनोद यादव पूर्व विधायक, चित्रकूट में पूर्व विधायक वीरसिंह पटेल, बस्ती में पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी एवं पूर्व विधायक रामललित चौधरी की गिरफ्तारी हुई है। जौनपुर में विधायक शैलेन्द्र यादव ललई, जगदीश सोनकर, लकी यादव, लाल बहादुर यादव, पूर्व विधायक श्रीमती श्रद्धा यादव एवं लल्लन प्रसाद की गिरफ्तारी हुई। (वार्ता)

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