‘सुशासन दिवस’ को ‘कुशासन दिवस’ के रूप में मनाएंगे किसान संगठन

गुजरात में कल कुशासन दिवस मनाएंगे किसान संगठन

विकास सिंह
गुरुवार, 24 दिसंबर 2020 (10:06 IST)
नए कृषि कानून के विरोध में आज किसानों के आंदोलन का 29 वां दिन है। किसान संगठन और सरकार दोनों ही अपने पुराने स्टैंड से पीछे हटने को किसी भी सूरत में तैयार नहीं दिख रहे है। ऐसे में अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मोदी सरकार किसानों के खातों में सीधे पैसा डालकर उनको साधने की कोशिश कर ही है तो दूसरी ओर भाजपा शासित राज्य सरकारें भी किसानों तक सरकार की योजनाए पहुंचाकर आंदोलन की धार को कुंद करने की कोशिश कर रही है।
ALSO READ: Live Updates : राहुल गांधी को नहीं मिली किसानों के समर्थन में मार्च की इजाजत
सरकार के अक्रामक रूख के बाद अब किसान संगठन भी आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए है और उन्होंने सरकार के पुराने सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। किसान आंदोलन की समन्वय समिति ने गुजरात में 25 दिसम्बर को कुशासन दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है। 
 
एआईकेएससीसी के वर्किंग ग्रुप ने कहना है गुजरात में बड़ी संख्या में किसानों ने 25 दिसम्बर को केंद्र की मोदी व रूपाणी सरकार के कुशासन के खिलाफ विरोध सभाएं करने का निर्णय लिया है। संगठन का आरोप है कि राज्य में किसानों की बड़ी संख्या में आत्महत्याएं जारी हैं क्योंकि कर्जे बढ़ रहे हैं,जमीनें छिन रही हैं।

संगठन का दावा है कि एनएसएसओ के 2011 के आंकड़े बताते हैं कि 10 सालों में गुजरात के 3.55 लाख किसान गायब हो गये,जबकि 17 लाख कृषि मजदूरों की संख्या बढ़ गयी। यह मुख्य रूप से मोदी सरकार के निर्यात आधारित ठेका खेती की वजह से हुआ। भाजपा शासन के दौरान नर्मदा बांध का पानी भी खेती से हटाकर उद्योगों व साबरमती रीवर वाटर फ्रंट को दिया गया, जिसके कारण हर साल किसान पानी के लिए त्रस्त रहते हैं।
 
कृषि मंत्री का दावा झूठा- एआईकेएससीसी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इस दावे को भी गलत और झूठा बताया है कि ठेका खेती में किसानों की जमीनें नहीं छिनेंगी। नये ठेका खेती कानून की धारा 9 के अनुसार किसान अपने खर्च वित्तीय संस्थाओं से अलग अनुबंध करके प्राप्त कर सकते हैं जिसका अर्थ है कि उनकी जमीन व सम्पत्ति गिरवी रखी जाएगी। धारा 14(2) कहती है कि कम्पनी कि किसान को दिया गया उधार धारा 14(7) के अन्तर्गत ‘‘भू-राजस्व का बकाया’’ के रूप में वसूला जाएगा। 
ALSO READ: भोपाल पुलिस पर भारतीय किसान यूनियन के‌ प्रदेश‌ अध्यक्ष ‌के परिजनों से‌ मारपीट ‌का‌ बड़ा आरोप
वहीं एआईकेएससीसी से पुलिस ने भोपाल में किसानों के धरने व इसमें भाग लेने के लिए आ रहे लोगों की गिरफ्तारी की निंदा की है। एआईकेएससीसी ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा सरकारों ने अपने राज्यों में इस तरह के दमन को नहीं रोका तो पूरे देश में संघर्ष बढ़ेगा।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

कौन थे रजाकार, कैसे सरदार पटेल ने भैरनपल्ली नरसंहार के बाद Operation polo से किया हैदराबाद को भारत में शामिल?

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में बंजारुमाले गांव में हुआ 100 प्रतिशत मतदान

धीरेंद्र शास्‍त्री के भाई ने फिर किया हंगामा, टोल कर्मचारियों को पीटा

प्रवेश द्वार पर बम है, जयपुर हवाई अड्‍डे को उड़ाने की धमकी

दिल्ली में देशी Spider Man और उसकी Girlfriend का पुलिस ने काटा चालान, बाइक पर झाड़ रहा था होशियारी

बहू को हुआ सास से प्‍यार, पति के साथ नहीं सोने देती है, सास हुई परेशान

UP के डिप्टी सीएम मौर्य बोले, एक और पाकिस्तान बनाने का जहर बो रही है कांग्रेस

धनंजय सिंह को मिली इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत, नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

कौन है जेल से 20 दिन की पैरोल पर बाहर आया फलाहारी बाबा, क्‍या था मामला?

कांग्रेस का दावा, 2जी स्पेक्ट्रम मामले में दिखा भाजपा का पाखंड

अगला लेख