नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे प्रदर्शन में शामिल किसानों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा तलब नहीं किया गया है। हजारों की संख्या में किसान तीनों केंद्रीय कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर लगभग 70 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश से हैं।
दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कुछ नेताओं ने राज्यसभा में एक सवाल के माध्यम से केंद्र सरकार से यह जानना चाहा था कि क्या वर्तमान में चल रहे किसानों के प्रदर्शन में शामिल किसानों को एनआईए ने तलब किया है? इसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने अपने लिखित जवाब में कहा कि जी नहीं। ज्ञात हो कि एनआईए आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करता है।
राजस्थान विधानसभा में लगे 'आंदोलनजीवी जिंदाबाद' के नारे : राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को शुरू हुआ और इस दौरान एक विधायक ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए आंदोलनरत किसानों के समर्थन में 'जय श्री किसान' और 'आंदोलनजीवी जिंदाबाद' के नारे लगाए।
राजस्थान की 15वीं विधानसभा का 6ठा सत्र बुधवार सुबह 11 बजे शुरू हुआ। राज्यपाल कलराज मिश्र का अभिभाषण हुआ जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उनके अभिभाषण के दौरान भादरा से विधायक बलवान पूनियां ने किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर नारेबाजी की। उन्होंने ये कानून वापस लेने की मांग करते हुए 'काले कानून वापस लो' का पर्चा लहराया और 'जय श्री किसान' और 'आंदोलनजीवी जिंदाबाद' के नारे भी लगाए। सत्तापक्ष के कई मंत्रियों द्वारा शांत कराने के प्रयासों के बावजूद पूनियां अभिभाषण के दौरान नारे लगाते रहे। (भाषा)