नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारत के विमानवाहक पोत 'विराट' की यथास्थिति बनाए रखने का बुधवार को आदेश दिया। इस विमानवाहक पोत ने भारतीय नौसेना में करीब 3 दशक तक सेवा दी है और इसे अब सेवा से बाहर कर दिया गया है। पोत को अब तोड़ा जाना है लेकिन एक कंपनी ने इस पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी की याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है। कंपनी इसे संग्रहालय बनाना चाहती है। सेंटूर वर्ग का विमानवाहक पोत आईएनएस विराट 29 साल तक भारतीय नौसेना में रहा और मार्च 2017 में इसे सेवा से हटा दिया गया। केंद्र ने जुलाई 2019 को संसद को सूचित किया था कि भारतीय नौसेना के साथ सलाह-मशविरा के बाद 'विराट' को कबाड़ में देने का फैसला किया गया। (भाषा)