Ground Report : UP Police के कड़े पहरे में ज्यादातर जिलों में नहीं दिखा भारत बंद का असर

अवनीश कुमार
मंगलवार, 8 दिसंबर 2020 (14:24 IST)
लखनऊ। कृषि कानून को लेकर किसानों के द्वारा 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा के बाद जहां केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, वहीं लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या इत्यादि अन्य जिलों में भी भारत बंद का खास असर नहीं दिखा। रोज की तरह सब्जी मंडी से लेकर फल मंडी व अन्य सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। 
 
लखनऊ में नहीं दिखा असर : प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारत बंद का असर सुबह लगभग 10 बजे तक ही देखने को मिला लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता गया वैसे-वैसे भारत बंद बेअसर हो गया। सड़कों पर भारी पुलिस मौजूद बल देखकर व्यापारियों ने रोजमर्रा की तरीके अपने प्रतिष्ठानों को खोला और व्यापार को आगे बढ़ाया।
 
ऐसा ही कुछ नजारा लखनऊ की फल मंडी व सब्जी मंडी में देखने को। 11 बजे के बाद अच्छी खासी भीड़ सब्जी मंडी में दिखाई पड़ रही थी, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से मंडी के आसपास भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। वहीं पुलिस ने समाजवादी पार्टी के साथ-साथ अन्य नेताओं को घरों में नजरबंद कर रखा है और सैकड़ों की तादाद में कार्यकर्ता व नेताओं को हिरासत में रखा है।
 
कानपुर में भी सामान्य स्थिति : कानपुर के कल्याणपुर, गुरुदेव पैलेस, सिविल लाइंस व फूलबाग की मंडियों पर अगर नजर डालें तो रोजमर्रा की तरह सुबह 5 बजे मंडियां खोली गईं और व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों का आवागमन भी जारी रहा। किसानों के द्वारा बगैर झंडे के आंदोलन में शामिल होने की बात कहने के बाद विपक्षी नेता भी नहीं दिख रहे हैं तो वहीं व्यापारी नेता इस भारत बंदी के फैसले के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं। 
 
दूसरी ओर, नयागंज किराना बाजार के व्यापारियों ने दोपहर एक बजे तक ही दुकानें बंद रखने की घोषणा की है। इसके बाद दुकानें खोल दी जाएंगी। वैसे भी सामान्यतौर पर नयागंज किराना बाजार दोपहर 12 से एक बजे के आसपास ही खुलता है। इसलिए उसकी बंदी का भी खास असर नहीं रहेगा।
 
विधायक हिरासत में : कानपुर में धरने में शामिल होने जा रहे समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई को पुलिस ने घर से बाहर निकलते ही हिरासत में ले ‍लिया। कानपुर में ही कृषि मंत्री का पुतला फूंकने जा रहे कांग्रेसियों को पुतला फूंकने से पहले पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कांग्रेसियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। 
 
प्रयागराज में रेलवे ट्रैक पर जाम : प्रयागराज में सुबह भारत बंद का मामूली असर देखने को मिला जहां पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस रोक दी और रेलवे ट्रैक पर लेटकर उसे बाधित कर दिया, लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हंगामा कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर रेलवे ट्रैक को खाली कराया। सामान्य तौर पर यहां बाजार में चहल-पहल देखी गई और मंडियों में भी सब्जी विक्रेता के साथ-साथ फल विक्रेताओं का मजमा लगा रहा।
 
मोदी के संसदीय क्षेत्र में खुले बाजार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाजार सुबह से ही खुले रहे और कारोबारी गतिविधियां भी पूर्ववत जारी रहीं। बाजार में कहीं कोई बंद की‍ स्थिति नहीं रहने से पर्याप्‍त रौनक बनी रही। सिर्फ किसान संगठन से जुड़े लोग और पार्टी कार्यकर्ता, पदाधिकारी ही प्रदर्शन में शामिल नजर आए। सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता भारत बंद के चलते वाराणसी में सड़कों पर निकलने का प्रयास करते रहे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते उनके सभी प्रयासों को पुलिस ने नाकाम कर दिया।
 
देर रात से ही पुलिस ने विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया था तो सैकड़ों दर्जन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने देर रात में ही हिरासत में ले लिया, जिसके चलते किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति वाराणसी में नहीं देखने को मिली है।
 
आगरा में मिलाजुला असर : बंद का ताजनगरी आगरा में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। शहरी इलाकों में बाजार, सब्जी मंडी व फल मंडी खुले हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में व्‍यापक तौर पर बंदी का असर देखने को मिल रहा है। कस्‍बों में व्‍यापारियों ने दुकानें नहीं खोली हैं। आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी और कासगंज में बड़ी संख्‍या में पुलिस बल तैनात है।
 
आगरा में भाकियू भानु गुट के प्रदेश स्‍तरीय पदाधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वहीं फिरोजाबाद में सपाइयों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। देर रात से ही नेताओं को नजरबंद व हिरासत में लेने की कार्यवाही चल रही है।
 
अयोध्या में भारत बंद नहीं दिखा असर : राम नगरी अयोध्या में भारत बंद का असर कुछ खासा देखने को नहीं मिला। सड़कों पर पहले से ही मौजूद भारी पुलिस फोर्स आम लोगों को व्यापारियों को एहसास दिला रहा था कि उनके होते हुए कुछ गड़बड़ नहीं होने वाली है। रोजा की तरह सड़कों पर रौनक दिखाई पड़ी और समयानुसार व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान को खोले। वहीं, फल मंडी से लगाकर सब्जी मंडी तक रोजमर्रा की तरह लोगों का आवागमन देखने को मिला।
 
क्या बोले व्यापारी नेता : सब्जी मंडी व फूल बाग सब्जी मंडी के व्यापारी राजेंद्र कुमार, इदरीश, संतलाल व फूलमती ने भारत बंद को लेकर कहा कि हम सब किसानों के साथ हैं और उनके द्वारा किए जा रहे आंदोलन में मजबूती से उनका साथ देंगे, लेकिन दुकान बंद करके समर्थन करना यह कहां की बात है। बंदी का असर सरकार पर कम और आम जनता पर ज्यादा होता है, इसलिए आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए हमने रोजमर्रा की तरह आज भी मंडी में आकर अपनी अपनी दुकानें खोल दिए हैं।
 
उन्होंने कहा, दुकानें खुलने का यह मतलब नहीं कि किसानों का आंदोलन बेअसर हो गया है। जनहित को ध्यान में रखते हुए मंडिया खोली गई हैं और हम सब केंद्र सरकार से निवेदन करना चाहते हैं किसानों की मांगों को मान ले वरना हम सब व्यापारी इससे बड़ा आंदोलन करने की क्षमता रखते हैं।
 
व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष राहुल शुक्ला ने बताया कि हमारा व्यापार मंडल भारत बंदी के खिलाफ है और हमने सभी व्यापारी भाइयों से निवेदन किया है कि रोजमर्रा की तरह दुकानें खोलें साथ ही साथ यह भी कहा है कि अगर किसी के द्वारा दबाव बनाकर दुकानों को बंद कराया जाता है तो उसकी जानकारी दें हम सब मिलकर डटकर उसका सामना करेंगे।
 
व्यापारी नेता उमंग अग्रवाल ने भी अपने संगठन की सभी व्यापारिक और औद्योगिक इकाइयों के खुले रहने की घोषणा की है। सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने भी बंदी का विरोध किया है। उत्तर प्रदेश खाद्य पदार्थ व्यापार मंडल के अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा और गड़रियन पुरवा के गुरुनानक ऑटो मार्केट और मोटर मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारी ने भारत बंदी में शामिल होने की बात कही है। साफ तौर पर कहा है कि आज उनके एसोसिएशन से जुड़े लोग दुकानें बंद रखेंगे।
 

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