चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा अस्वीकार्य है। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही पंजाब में एक हाईअलर्ट का आदेश दिया। मुख्यमंत्री सिंह ने ऐतिहासिक लाल किले में हुई घटनाओं की निंदा की और किसानों से राष्ट्रीय राजधानी को तुरंत खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह किया, जहां वे पिछले 2 महीनों से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे।
सिंह ने दिल्ली में तनाव और हिंसा के बीच पंजाब में हाईअलर्ट का आदेश दिया और राज्य के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य में कानून और व्यवस्था किसी भी कीमत पर खराब न हो। राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा संभवत: कुछ लोगों द्वारा शुरू की गई जिन्होंने दिल्ली पुलिस और किसान यूनियनों के बीच आपसी समझौते के माध्यम से ट्रैक्टर मार्च के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने एक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन तत्वों ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में खलल डाला।
सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और दिल्ली में अन्य स्थानों पर हुई घटनाओं की भी निंदा की। इसका उल्लेख करते हुए कि किसान नेताओं ने पहले ही हिंसा से खुद को अलग कर लिया है, उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों को तुरंत राष्ट्रीय राजधानी खाली करना चाहिए और सीमाओं पर अपने शिविरों में वापस जाना चाहिए और कृषि कानून को लेकर गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्र के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए।
सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि दिल्ली में चौंकाने वाली घटनाएं। कुछ तत्वों द्वारा की जा रही हिंसा अस्वीकार्य है। किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से जो साख बनी थी, इससे उसे नुकसान पहुंचेगा। किसान नेताओं ने इन घटनाओं से खुद को अलग कर लिया है और ट्रैक्टर रैली को निलंबित कर दिया है। मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह करता हूं।
सिंह ने किसानों से संयम बरतने का आह्वान किया, जो उन्होंने पिछले 2 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर और पंजाब में इससे पहले अपना शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान दिखाया है। उन्होंने कहा कि शांति उनके आंदोलन की पहचान थी और यही भारत और दुनियाभर से उन्हें मिले समर्थन का कारण था। उन्होंने किसानों द्वारा लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
लाठी-डंडे, राष्ट्रीय ध्वज एवं किसान यूनियनों के झंडे लिए हजारों किसान मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टरों पर सवार हो बैरियरों को तोड़ते व पुलिस से भिड़ते हुए लाल किले की घेराबंदी के लिए विभिन्न सीमा बिंदुओें से राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हुए।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोमवार को किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण रहे। 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने और अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान कई सप्ताह से दिल्ली के कई बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के हैं।
3 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद : हरियाणा के 3 जिलों सोनीपत, झज्जर और पलवल में बुधवार शाम 5 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा रोक दी गई है। दिल्ली में किसानों के हिंसक प्रदर्शन के बाद हरियाणा सरकार ने मंगलवार शाम इसकी घोषणा की। हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि इन जिलों में शांति और लोक-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और 27 जनवरी की शाम 5 बजे तक यह लागू रहेगा।उन्होंने कहा कि सोनीपत, पलवल और झज्जर जिलों में इस आदेश के दायरे में कॉल की सुविधा को छोड़कर इंटरनेट सेवा (2जी, 3जी, 4जी, सीडीएमए, जीपीआरएस), एसएमएस सेवा (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क के जरिए प्रदान की जाने वाली डोंगल सेवा पर रोक रहेगी। उन्होंने हरियाणा में सभी दूरसंचार प्रदाता कंपनियों से इसका पालन करने को कहा है।
आदेश में कहा कि उभरती स्थितियों के मद्देनजर यह आदेश लागू किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की घटनाओं के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर यह फैसला किया गया। हरियाणा के ये तीनों जिले राष्ट्रीय राजधानी के बगल में ही हैं। (भाषा)