नई दिल्ली। केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने और इसे वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल 9 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा। विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को इस बारे में बताया।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम 5 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के एक प्रतिनिधि, भाकपा के महासचिव डी. राजा और येचुरी शामिल होंगे।
येचुरी ने कहा कि हम पांचों लोग राष्ट्रपति से भेंट करने से पहले बैठक करेंगे और अपनी रणनीति तय करेंगे। हमने सभी विपक्षी नेताओं से बात की है और अगले कदम को लेकर फैसला किया है। कोविड-19 की स्थिति के कारण प्रतिनिधिमंडल में पांच सदस्य ही होंगे। हालांकि हम कोशिश करेंगे कि कुछ और नेताओं को इसमें शामिल होने दिया जाए। ऐसी स्थिति में हमें नेताओं को दिल्ली बुलाना होगा क्योंकि वे अपने संबंधित राज्यों में हैं।
भाकपा के महासचिव डी राजा ने भी पुष्टि की है कि प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा। शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले (कृषि कानूनों का विरोध करने वाले) विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बैठक कर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे।
विपक्षी दलों की बैठक से इनकार किया गया क्योंकि अधिकतर नेता दिल्ली में नहीं हैं। कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है ।
कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था। सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी। (भाषा)