ज्वेलरी : दिवाली की रात, कैसे दमके आप

Webdunia
शनिवार, 18 अक्टूबर 2014 (14:49 IST)
गहने स्त्री को अनूठा लावण्य प्रदान करते हैं। त्योहार हों या विशेष अवसर भारत में पारंपरिक आभूषणों से हर स्त्री सजना चाहती है। यह रचनात्मकता, स्वयं की खुशी और त्योहार के उल्लास को दर्शाने का एक मिलाजुला तरीका है। आजकल पारंपरिक के साथ ही आधुनिक डिजायन और कारीगरी के आभूषणों का भी काफी चलन है। तो इस दीवाली कर लीजि‍ए खुद को रोशन इन दमकते सि‍तारों से। 


 

 
भारी हार और जेवर
 
अगर आप परंपरागत जेवरों की गढ़न और वजन से खुश रहती हैं और इनके साथ कम्फर्टेबल महसूस करती हैं तो ठेठ भारतीय आभूषणों का चयन कीजिए। यूँ तो आजकल युवतियाँ तथा महिलाएँ वेस्टर्न आऊटफिट के साथ भी भारी भरकम चोकर, हार, बाजूबंद या कड़े मैच कर पहन लेती हैं लेकिन अगर आप साड़ी या अन्य भारतीय परिधान पहन रही हैं तो ये जेवर बहुत अच्छा विकल्प हैं।
 
आप सिर से लेकर पैर तक माँग टीका, नथ, झुमके, बड़ा सा हार और मंगलसूत्र, बाजूबंद, ढेर सारी चूड़ियां, पायल तथा बिछिया पहन सकती हैं। 

सिंपल ज्वेलरी  
 
अगर पूजन करने कहीं बाहर जाना हो तो सुंदर, सिंपल ज्वेलरी का ऑप्शन भी आजमा सकती हैं। इसमें डायमंड, चांदी, सोने या कुंदन आदि के खूबसूरत लेकिन थोड़े हल्के सैट पहने जा सकते हैं और यह साड़ी, सलवार-सूट तथा लहंगे, किसी भी परिधान के साथ अच्छे लगेंगे।

कुछ हट कर... 
 
जेवर पहनने के लिए धन की नहीं मन की जरूरत होती है, इस बात को हमेशा याद रखें। इसलिए अगर आपके पास भारी-भरकम सोने-चाँदी या अन्य महँगे आभूषण न हों तो भी कई सारे विकल्प खुले हैं। आजकल आपराधिक घटनाओं के चलते भी यही जेवर ज्यादा सुरक्षित रहते हैं। 
 
फिर इनमें वैरायटी भी ज्यादा होती है। इसलिए बाजार में सेमी प्रेशियस स्टोन्स से लेकर सिंपल स्टोन्स, ऑक्सीडाइज्ड, मैटल, इमिटेशन आदि प्रकार की ज्वेलरी उपलब्ध है जो दिखने में सुंदर भी होती है और दाम में असली जेवरों से कम भी। इन्हें आप ट्रेडिशनल तथा वेस्टर्न दोनों ही प्रकार की ड्रेसेस के साथ पहन सकती हैं। 
 
इसके अलावा अगर आप कुछ नया करना चाहती हैं तो बीड्स, फेदर, जरदोज़ी, लेस तथा बुडन ज्वेलरी को अपनाएँ। ये आपको एक अलग सा लुक देंगी।
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