फैशन ने बदले अपने रंग-ढंग, समय के संग

- मोनि‍का कटारि‍या

Webdunia
इन दिनों हम जहां भी नजर दौड़ाएं रंगों का कुंभ-सा दिखाई देता है। पहले रंगों का यूज सिर्फ कपड़ों तक ही सीमित था, उनमें भी मौसम के अनुसार कुछ गिने-चुने रंग... लेकिन इन दिनों हर चीज पर रंगों का प्रभाव नजर आ रहा है। कुछ साल पहले तक कारों के मामले में हमें प्रयोग पसंद नहीं आते थे, सफेद, काला और कोई इस मामले में बहुत बहादुर हो तो लाल... लेकिन अब नीला-पीला-हरा जो चाहें उस रंग की कार मिल जाएगी। इसी तरह मोबाइल फोन, लैपटॉप, आई-पॅड हो या फिर कॉस्मेटिक, हर कहीं तमाम तरह के रंग दिखने लगे हैं।

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यह तो तयशुदा सच है कि रंगों का मानवीय भावनाओं पर जादुई असर होता है। माना जाता है कि रंग इंसान के ब्रेन को बूस्ट करते हैं। शायद यही वजह है कि इन दिनों रंगों की बहार आई हुई नजर आ रही है। विंटर में हमारे डिजायनर कलेक्शन में पहले काले और भूरे रंग बेशुमार होते थे, अब सारे ट्रेडि‍शनल कलर नजर आने लगे हैं।

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यहां तक कि किताबों के कवर तक खूब रंग-बिरंगे होने लगे हैं। गजैट्स जैसे मोबाइल फोन, आई-पॅड और लैपटॉप तक चटकीले रंगों में नजर आने लगे हैं। इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं, लेकिन बदलाव की ख्वाहिश लगातार बनी हुई है।

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देश के बड़े डिजायनर अब यह कहने लगे हैं कि रंग हमारे तनावग्रस्त जीवन को राहत पहुंचाते हैं और हमें खुश रखते हैं। अब जबकि दुनिया का मौसम बदल रहा है तो फिर हम क्यों नहीं बदलें? पिछले दशक में हमारी जीवन शैली जिस नाटकीय ढंग से बदली है, तो हमारे लिए यह बदलाव भी जरूरी है।

अब हो तो यह भी रहा है कि काला रंग सर्दियों से ज्यादा गर्मियों में बिक रहा है। डिजायनर अरुण आहूजा कहते हैं कि - रंग हर जगह चीज को प्रभावित कर रहे हैं, चाहे वे कपड़े हों, मोबाइल फोन, लैपटॉप हों या फिर कारें...। शरद के अपने रंग हैं, आप इसमें वसंत के कुछ रंग जोड़कर कुछ नया कर सकते हैं।

किसी बुक स्टोर के आसपास टहलते हुए देखें कि प्रकाशक आपको आकर्षित करने के लिए कितने जतन करते हैं, और इसमें किताबों के रंग-बिरंगे कवर सबसे ऊपर हैं। प्रकाशक रोशन राजानी कहते हैं कि - कवर हमारी प्राथमिकता पर है। परिवर्तन को होने से हम रोक नहीं सकते हैं, तो हमें किताबों के कवर पर प्रयोग करते रहना होगा। अच्छे रंगों का प्रयोग और रचनात्मक डिजाइन निश्चित तौर पर पाठकों का ध्यान आकर्षित करती है। यह पूरी तरह से एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है।

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लोग चटख रंगों की तरफ आकर्षि‍त होते हैं तो हम इसका रास्‍ता चमकीले जैकेट में पाते हैं। यहाँ तक की गंभीर वि‍षय की कि‍ताबों का कवर भी चटख रंग लि‍ए होता है। इतना ही नहीं इन दि‍नों टीनेजर्स के लि‍ए मेकअप तक रंगों से सरोबार होता है बालों के रंग से लेकर नेलपेंट और लि‍प्‍स्‍टि‍क के रंगों में खूब प्रयोग हो रहे हैं। गेजैट्स के रंग तो ताज्‍जुब में डाल देते हैं।

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