बॉन्डी (फ्रांस)। फ्रांस की राजधानी पेरिस के उत्तरी क्षेत्र में स्थित उपनगर बॉन्डी को गरीबों और अप्रवासियों के रिहायशी इलाके के रूप में जाना जाता है लेकिन हाल के दिनों में इस क्षेत्र से कई बेहतरीन फुटबॉलर निकले है।
रूस में खेले जा रहे फुटबॉल विश्व कप में सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में एक के तौर पर उभरे स्ट्राइकर काइलियान एम्बाप्पे भी इसी क्षेत्र से आते है जिनके प्रदर्शन के बूते फ्रांस टूर्नामेंट में सेमीफाइनल तक पहुंच गया है।
इस क्षेत्र के 16 साल के खिलाड़ी एडमा वगुई फुटबॉल में मिले अपने खिताबों को दिखाते हुए बताते है कि यह खिताब मुझे 2016 में ए.एस. बॉन्डी टीम (क्षेत्र की टीम) के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के लिए मिला, यह खिताब विचे अंडर 17 टूर्नामेंट में मिला।
वगुई के लिए हालांकि सबसे यादगार क्षण वह था जब उसे एम्बाप्पे के शॉट को रोकने के लिए गोल पोस्ट के आगे खड़ा किया गया। उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था लेकिन कई बार मैं सफल रहा।’
फ्रांस की 23 सदस्यीय फुटबॉल टीम में दो तिहाई खिलाड़ी अरब या अफ्रीकी मूल के है जैसा की 1998 की फ्रांस की विश्व विजेता टीम में भी था। वगुई के सेनेगल मूल के पिता ईस्सा ने कहा, ‘अब युवाओं को यह कहने में गर्व महसूस होता है कि वे बॉन्डी क्षेत्र से आते है।’
ए.एस. बॉन्डी टीम के कोच एंटोनियो रिक्कार्डी ने युवा एम्बाप्पे के खेल को याद करते हुए कहा कि वह मेराडोना की तरह पांच डिफेंडरों को छका कर गोल कर देता था। उन्होंने कहा कि इस इलाके से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी इसलिए निकल रहे क्योंकि यहां बच्चे हमेशा फुटबॉल खेलते रहते है। फुटबॉल उनकी जिंदगी है। वे स्कूल में रहे या घर में हमेशा फुटबॉल के साथ रहते है।
उन्होंने कहा एम्बाप्पे के पिता कैमरून और माता अल्जीरियाई मूल की है। इस क्षेत्र में ऐसे अप्रवासी लोगों की बड़ी जनसंख्या है। कई प्रतिभा गरीबी और भेदभाव से कारण दम तोड देती है लेकिन एम्बाप्पे की सफलता ने यहां के बच्चों को नया हौसला दिया है। (भाषा)