बांदीपुर नेशनल पार्क कर्नाटक, घने जंगल और वन्यजीवों की भरमार

अनिरुद्ध जोशी
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021 (11:50 IST)
भारत के जंगलों में शानदार हाथी की चिंघाड़, मोर का नाच, ऊंट की सैर, शेरों की दहाड़, लाखों पक्षियों की चहचहाहट सुनने और देखने को मिलेगी। भारत में जंगली जीवों की बहुत बड़ी संख्या है। यहां जंगली जीवों को देखने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। भारत में 70 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और 500 से अधिक जंगली जीवों के अभयारण्य हैं इसके अतिरिक्त पक्षी अभयारण्य भी हैं। आओ इस बार जानते हैं कर्नाटक बेंगलुरु के बांदीपुर नेशनल पार्क के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
 
बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान : 
1. बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। 
 
2. एक समय यह मैसूर राज्य के महाराजा की निजी आरक्षित शिकारगाह थी। उन्होंने यहां के कई शेर और चीतों का शिकार करने उनके अस्तित्व को मुश्‍किल में डाल दिया।
 
3. सन् 1931 में मैसूर राज्य के महाराजा ने इस अभयारण्य को वेणुगोपाल वन्यजीव पार्क नाम दिया था। उस वक्त यह करीब 90 वर्ग किलोमीटर में फैला था। सन् 1973 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत लिया गया और इसका क्षेत्रफल लगभग 800 वर्ग किलोमीटर बढ़ाकर इसे बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
 
4. इस अभयारण्य में बाघ, तेंदुआ, हाथी, गौर, भालू, ढोल, सांबर, चीतल, काकड़, भारतीय चित्त‍ीदार मूषक, मृग तथा लोरिस पाए जाते हैं। उनके अलावा मृग हिरण, स्लॉथ बीयर, गौर, मगरमच्छ, चीतल, जंगली सूअर, अजगर, ओस्प्रे, मृग, हाइना और भौंकने वाले हिरण भी पाये जाते हैं है। इसमें लगभग 70 बाघ और 3000 से अधिक एशियाई हाथी हैं।
 
5. यहां पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां निवास करती हैं। इस अभयारण्य को पशु-पक्षियों के प्रे‍मी के लिए स्वर्ग कहा जाता है। इस राष्ट्रीय उद्यान में हरे कबूतर, शहद की भूसी, हॉर्नबिल, ब्राउन हॉक उल्लू, नीलगिरि फ्लाईकैचर, थोड़ा मकड़ी का शिकारी, सादा फूलपेकर, मालाबार ट्रोगन, ग्रे हेडेड फिश ईगल, रेड हेडेड गिद्ध और अन्य पक्षी हैं। 
 
6. इस राष्ट्रीय उद्यान में आने के लिए मैसूर से होकर चामराजनगर जाना पड़ता है। बांदीपुर नेशनल पार्क, मैसूर से 80 किमी की दूरी और ऊटी से 70 किमी और बेंगलुरु ससे 215 किमी दूरी पर स्थित है। यह कर्नाटक के चमारजनगर जिले में स्थित है। 
 
7. यहां सागौन बहुतायत में पाया जाता है। इसके अलावा इस क्षेत्र में चंदन के पेड़, बांस, ओडिना वोडियर, शीशम, भारतीय किनो वृक्ष (औषधीय वृक्ष), हल्दीना या कदम के पेड़ और कई अन्य पर्णपाती पेड़ जैसे अन्य पौधे हैं।
 
8. यहां किंग कोबरा, योजक, मेंढक, पेड़ मेंढक, पानी सांप, कोबरा, छिपकली, गिरगिट, पेड़ मेंढक, कछुआ और अन्य जैसे सरीसृप भी पाए जाते हैं।
 
9. पर्यटक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उद्यान की यात्रा कर सकते हैं। 
 
10. यदि आप ऊटी की यात्रा पर निकले हैं तो बांदीपुर नेशनल पार्क की यात्रा ऊटी पैकेजों में शामिल होनी चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

सलमान खान की सिक्योरिटी ने बदला सिकंदर का प्लान, ट्रेलर लॉन्च इवेंट हुआ कैंसिल!

सिनेमाघरों के बाद अक्षय कुमार की स्काई फोर्स ने दी ओटीटी पर दस्तक, इस प्लेटफॉर्म पर उठा सकते हैं लुत्फ

ट्रांसपेरेंट गाउन पहन तृप्ति डिमरी ने फ्लॉन्ट किया कर्वी फिगर, देखिए तस्वीरें

रणबीर कपूर की दूसरी पत्नी हैं आलिया भट्ट, बताया कैसे हुई थी पहली शादी

सिंगर अरमान मलिक के परिवार में आया भूचाल, भाई अमाल ने परिवार से तोड़ा नाता

सभी देखें

जरूर पढ़ें

Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर और टेक्नीशियन्स की मेहनत पर स्क्रीनप्ले लिखने वालों ने पानी फेरा

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

आज़ाद मूवी रिव्यू: अमन-साशा की बिगड़ी शुरुआत, क्यों की अजय देवगन ने यह फिल्म

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: कंगना रनौट की एक्टिंग ही फिल्म का एकमात्र मजबूत पक्ष

अगला लेख