दद्दू का दरबार : सत्ता का रस

एमके सांघी
प्रश्न : दद्दूजी, बांस में गन्ने जैसा रस क्यों नहीं होता? दिखने में तो दोनों एक जैसे ही लगते हैं।


 
उत्तर : देखिए गन्ना उस राजनीतिक दल जैसा है जिसके पास सत्ता रूपी रस है। सत्ता धारी दल के नेता, कार्यकर्ता और चुनिन्दा समर्थक इस रस को चूसते रहते हैं और मस्त रहते है। बांस की स्थिति सत्ताच्युत विपक्षी राजनीतिक दलों की तरह है जो केवल सत्ता विरोधी खेमे का सहारा बन सकते हैं या फिर हवा में वार करने के काम आते हैं ताकि उनके लिए भी रस भरे दिन आएं।    
 
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