जब कोई मोबाइल पर बिज़ी होने का करे ढोंग

निवेदिता भारती
मोबाइल काम का है इसमें कोई दोराय नहीं लेकिन कई बार ये ऐसे ऐसे काम आता है कि क्या कहने। आपको लगता है शुक्र है मोबाइल हाथ में था तो बच गए। नहीं यहां किसी सीरियस मुश्किल की घड़ी की बात नहीं हो रही बल्कि ऐसे मौकों का ज़िक्र है जब मोबाइल ने आपको कहीं फंसने से बचा लिए।
 
1. जब रेस्टोरेंट में उसने कराया इंतजार : ये इंतज़ार बड़ी बेदर्द चीज़ है। आप कहीं न कहीं किसी के लिए इंतज़ार करते हैं। ऐसे में मोबाइल हाथ में से इंतजार का कष्ट तो कम होता ही है आपको लोग बेचारा भी नहीं समझते।  
 
2. जब उसे करना था इग्नोर : ऐसे इग्नोर मारना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर मोबाइल हाथ में है तो आपको न देखने और सुनने का लायसेंस मिल जाता है। वो चिल्लाता रहा पर आप तो मोबाइल में लगे थे।  
 
3. रिश्तेदारों से पीछा छुड़ाना : रिज़ल्ट का दौर सिर पर है। एक के एक बाद आपने इग्ज़ाम दी और रिश्तेदारों का तो चैन ही खत्म हो गया। आपका रिजल्ट जानना उनकी ज़िंदगी का आखिरी मकसद बन गया। ये तो घर ही आ धमके तो अब तो मोबाइल हाथ में लिए उनके ठीक सामने से आप बात करते हुए निकल गए। बेकार के सवालों से बचने का इससे अच्छा रास्ता नहीं मिलेगा।   
 
4. कहीं अर्जेंट में निकलना है :  हे भगवान! ये बहुत पका रहा है। आधा घंटे से सिर खा रहा है। थैंक यू भगवान मोबाइल हाथ था। जब बहुत हो गया तो कह दिया अब मुझे निकलना है। अभी अभी मैसेज आया सॉरी। 
 
5. जब कपल के साथ बुरे फंसे : तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा। उन दोनों का जोड़ा और आपकी फजीहत। जब प्लान बना तब ये सीन नहीं था। आपके साथ वो आना था लेकिन अब क्या लास्ट मोमेंट पर धोखा। मुझे भी देख लो मैं भी हूं यहां। चलो अब मोबाइल में सिर घुसा लिया मैंने तो। 
 
ये तो अक्सर आने वाले सीन हैं। हो सकता है आपको किसी और मौके पर मोबाइल ने बचाया हो। बता ही दीजिए छुपाइए मत कोई शर्म की बात थोड़ी है।  
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

करणवीर मेहरा और उनकी जिंदगी में आईं महिलाएं, दो शादियां टूटी क्या तीसरी बार रहेंगे लकी?

इस शुक्रवार ओटीटी पर लगेगा कॉमेडी के साथ थ्रिलर का तड़का, ये फिल्में और वेब सीरीज होगी रिलीज

चंदू चैंपियन के लिए महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित हुए कार्तिक आर्यन

भाबीजी घर पर हैं से बॉलीवुड में कदम रखने जा रहीं शुभांगी अत्रे, बताया टीवी शो और फिल्म की शूटिंग में अंतर

International Happiness Day : राजकुमार हिरानी की फिल्मों के इन आइकॉनिक डायलॉग्स ने सिखाया खुश रहना

सभी देखें

जरूर पढ़ें

Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर और टेक्नीशियन्स की मेहनत पर स्क्रीनप्ले लिखने वालों ने पानी फेरा

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

आज़ाद मूवी रिव्यू: अमन-साशा की बिगड़ी शुरुआत, क्यों की अजय देवगन ने यह फिल्म

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: कंगना रनौट की एक्टिंग ही फिल्म का एकमात्र मजबूत पक्ष

अगला लेख