गणेश चतुर्थी पर बाजार से कौन-सी मूर्ति लाकर करें घर में स्थापित, जानें

Webdunia
शुक्रवार, 26 अगस्त 2022 (16:37 IST)
Ganesh Utsav 2022 :आजकल बाजार में गणेशजी की भिन्न भिन्न प्रकार की मूर्तियां उपलब्ध हैं। बहुत सी ऐसी प्रतिमाएं भी बाजार में हैं जो हिन्दू परंपरा के अनुसार सही नहीं मानी जाती है। यदि आप गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं तो जान लें कि गणेश चतुर्थी पर गजानन गणपतिजी की कौनसी प्रतिमा स्थापित करना चाहिए।
 
 
1. मिट्टी या बालू की मूर्ति : गणेशजी की मिट्टी या बालू की प्रतिमा स्थापित करना चाहिए, क्योंकि माता पार्वती ने उन्हें इसी से बनाया था।
 
2. मूषक : गणपति की मूर्ति लाते समय यह जरूर ध्यान रखें कि उनके साथ भूषक जरूर हो।
 
3. एकदंत : गणेशजी की ऐसी प्रतिमा हो जिसका एक दांत टूटा हुआ हो।
 
4. चारभुजा : गणेश प्रतिमा के चार हाथ हो। चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदक पात्र तथा वरमुद्रा धारण किए हुए हो।
 
5. वस्त्र : गणेशजी रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। लाल या पीला वस्त्र शुभ होते हैं।
 
6. बाईं सूंड हो : जिस मूर्ति में सूंड का अग्रभाग बाईं है उस मूर्ति को स्थापित करने का प्रचलन है।
 
7. जनेऊ : प्रयास करें कि मूर्ति जनेऊधारी हो। यदि नहीं हो तो पूजा के समय मूर्ति को जनेऊ धारण करवाएं। 
 
8. बैठे हुई मूर्ति : गणेशजी की किसी आसन या सिंहासन पर बैठी हुई मूर्ति घर में लाएं।
 
9. मूर्ति का रंग : मूर्ति का रंग सफेद, सुनहरी, सिंदूरी या हरा लेना शुभ है।
 
10. सिर ढका : गणेशजी का सिर मुकुट, टोपी या पगड़ी आदि से परंपरा अनुसार ढका होना चाहिए।
 
11. त्रिपुण्ड तिलक : गणेशजी के मस्तक पर केसर या चंदन का त्रिपुण्ड तिलक लगा होना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का समय क्या है?

सिंधारा दूज कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

सावन माह में सामान्य शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने में सबसे ज्यादा किसका है महत्व?

मनोकामना पूरी होने पर कितनी बार करनी चाहिए कावड़ यात्रा?

सप्ताहवार राशिफल: करियर, प्यार और स्वास्थ्य पर असर

सभी देखें

धर्म संसार

25 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

25 जुलाई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

ये 3 राशियां हमेशा क्यों रहती हैं प्यासी और असंतुष्ट?

क्या फिर लौटेगी महामारी! नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी में छुपे 2025 में तबाही के संकेत

सिंधारा दोज क्यों मनाई जाती है, क्या करते हैं इस दिन? पूजा का शुभ मुहूर्त और 3 उपाय

अगला लेख