Ganesh Utsav 2023 : कब होगी गणेश स्थापना?

पं. हेमन्त रिछारिया
Ganesh Sthapana 2023 : गणेशोत्सव हमारे देश के त्योहारों में प्रमुख त्योहार माना गया है। हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। गणेश उत्सव का उद्देश्य चाहे स्वतंत्रता आंदोलन में संलग्न क्रांतिवीरों की सहायता करना हो या धार्मिक पुण्य लाभ प्राप्त करना; दोनों ही दृष्टि से गणेशोत्सव सनातन संस्कृति में एक विशेष पर्व के रूप में हमेशा से मनाया जाता रहा है। 
 
गणेश उत्सव भगवान गणेश के जन्म या जयंती के दिन से प्रारंभ होता है, जिसमें भगवान श्री गणेश के माटी के विग्रह (मूर्ति) की स्थापना कर उसकी एक विशेष अवधि तक पूजा-अर्चना की जाती है, बाद में उसका विसर्जन कर दिया जाता है। शास्त्रानुसार भगवान श्री गणेश का प्राकट्य भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। प्रतिवर्ष इसी दिन गणेश स्थापना की जाती है। 
 
वर्ष 2023 में गणेश स्थापना को लेकर श्रद्धालुओं में कुछ संशय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि पंचांग भेद के चलते 18 सितंबर एवं 19 सितंबर दोनों ही दिन गणेश स्थापना बताई जा रही है। अब श्रद्धालुओं के मन में दुविधा यह है कि वे अपने घर में गणेश स्थापना किस दिन करें? हम अपने अभिमत के साथ शास्त्रोक्त सिद्धांत के आलोक में इस दुविधा का समाधान यहां दे रहे हैं।
 
18 एवं 19 सितंबर दोनों ही दिन मध्याह्नव्यापिनी चतुर्थी है फिर क्या करें! :
 
शास्त्रानुसार भगवान श्री गणेश का जन्म मध्याह्न काल में माना गया है। अत: यहां मध्याह्नव्यापिनी चतुर्थी की मान्यता होती है अर्थात् जिस दिन मध्याह्न काल में चतुर्थी हो लेकिन यदि दो दिन मध्याह्न काल में चतुर्थी का संयोग बने तब किसे ग्रहण किया जाए? 
 
यहां शास्त्र का निर्देश है कि पूर्व में जिस दिन मध्याह्न काल में चतुर्थी हो उसे ग्रहण किया जाना चाहिए। यह स्थिति 18 सितंबर 2023 को बनेगी क्योंकि 18 सितंबर 2023 को मध्याह्न 12 बजकर 40 मिनट से चतुर्थी प्रारंभ होगी जो 19 सितंबर 2023 को मध्याह्न में 01 बजकर 42 तक रहेगी।

अत: इस वर्ष 18 एवं 19 दोनों ही दिन मध्याह्नव्यापिनी चतुर्थी रहेगी जो कि गणेश स्थापना में ग्रहण करने योग्य है एवं शास्त्र के निर्देशानुसार पूर्वविद्धा तिथि 18 सितंबर को गणेश स्थापना होना उचित है लेकिन यहां शास्त्रानुसार एक दूसरे सिद्धांत; जो यह कहता है कि यदि चतुर्थी मध्याह्नव्यापिनी हो और इस दिन रविवार या मंगलवार हो तो यह संयोग अतिशुभ 'महाचतुर्थी' कहलाता है, जो अतिश्रेष्ठ होता है। 
 
इस सिद्धांत के अनुसार इस वर्ष 19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को मध्याह्नव्यापिनी चतुर्थी का संयोग बनने से इस दिन 'महाचतुर्थी' का अतिश्रेष्ठ मुहूर्त बनेगा। दूसरी ओर किरीतार्जुन शास्त्र का प्रसिद्ध वचन है 'यद्यपि शुद्धं लोक विरुद्धं नाकरणीयम् ना आचरणीयम्' अर्थात् लोकाचार के विरूद्ध कोई कार्य नहीं किया जाना चाहिए।

इस सिद्धांत के अनुसार लोकाचार रूप में गणेश उत्सव प्राय: डेढ़ दिन, पांच दिन एवं दस दिन मनाया जाता है। देश के अधिकांश हिस्सों में प्राय: गणेश उत्सव दस दिवसीय होकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 को होना निर्विवादित है, जो दस दिवसीय गणना के अनुसार 19 सितंबर से प्रारंभ होकर 28 सितंबर तक गणेश उत्सव का होना प्रतिपादित कर रहा है।
 
19 सितंबर 'महाचतुर्थी' को गणेश स्थापना करना अतिश्रेष्ठ-
 
अत: उपर्युक्त समस्त शास्त्रोक्त एवं लोकाचार सिद्धांतों का विश्लेषण करने के उपरांत हमारे मतानुसार गणेश स्थापना 19 सितंबर 2023 किया जाना अधिक श्रेष्ठ है लेकिन यदि देश-काल-परिस्थिति के अनुसार 18 सितंबर को गणेश स्थापना की जाए तो वह भी निर्दोष होकर ग्रहण करने योग है, किंतु यथासंभव श्रद्धालुगण गणेश स्थापना 19 सितंबर 2023 मंगलवार के दिन करें तो यह अतिश्रेष्ठ रहेगा क्योंकि इस दिन 'महाचतुर्थी' का संयोग बनेगा।
 
ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: Ganesh Chaturthi 2023 : गणेश स्थापना की संपूर्ण सरल पूजन विधि

ALSO READ: Ganesh chaturthi utsav 2023: गणेश चतुर्थी महोत्सव का समय, योग और शुभ मुहूर्त

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

07 सितंबर 2025 को होगा खग्रास चंद्रग्रहण, देश-दुनिया पर होगा प्रभावी

Ganesh Visarjan 2025 : गणेश उत्सव के अंतिम दिन कर लें ये काम, पूरे साल कोई विघ्न नहीं करेगा परेशान

Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के बाद पूजन सामग्री का क्या करें? जानिए सही तरीका

Lunar eclipse 2025: चंद्र ग्रहण: वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण और उपाय

Lunar Eclipse 2025: क्या इस बार का चंद्रग्रहण भी लेकर आने वाला है डर और तबाही की नई लहर?

सभी देखें

धर्म संसार

Shradh Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में घर पर ही तर्पण करने की सरल वि‍धि

Lunar eclipse 2025: चंद्र ग्रहण का असर, हाल ही में हुए चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों को कैसे दूर करें

9 September 2025: 9 सितंबर 2025 को रहें सावधान: ज्योतिषीय योग और दुर्घटना का खतरा, यात्रा टालें

Shradh Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में द्वितीया का श्राद्ध किस मुहूर्त में कैसे करें?

नर्मदापुरम् में दादाजी दरबार में होगा ऐतिहासिक देवी अनुष्ठान एवं अखंड हवन

अगला लेख