श्री गणेश को दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है, पढ़ें पौराणिक कथा

Webdunia
हम सभी यह जानते हैं कि श्री गणेश को दूर्वा बहुत प्रिय है। दूर्वा को दूब भी कहा जाता है। यह एक प्रकार की घास होती है, जो सिर्फ गणेश पूजन में ही उपयोग में लाई जाती है। आखिर श्री गणेश को क्यों इतनी प्रिय है दूर्वा? इसके पीछे क्या कहानी है? 21 दूर्वा ही श्री गणेश को क्यों चढ़ाई जाती है?
 
21 दूर्वा को एकसाथ इकट्‍ठा करके 1 समूह  बनाया जाताा है तथा कुल 21 दूर्वा गणेशजी को मस्तक पर चढ़ाई जाती हैं। पाठकों के लिए प्रस्तुत है श्री गणेश और दूर्वा की पौराणिक कथा... 

एक पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीनकाल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था, उसके कोप से स्वर्ग और धरती पर त्राहि-त्राहि मची हुई थी। अनलासुर एक ऐसा दैत्य था, जो मुनि-ऋषियों और साधारण मनुष्यों को जिंदा निगल जाता था। इस दैत्य के अत्याचारों से त्रस्त होकर इंद्र सहित सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनि भगवान महादेव से प्रार्थना करने जा पहुंचे और सभी ने महादेव से यह प्रार्थना की कि वे अनलासुर के आतंक का खात्मा करें।
तब महादेव ने समस्त देवी-देवताओं तथा मुनि-ऋषियों की प्रार्थना सुनकर उनसे कहा कि दैत्य अनलासुर का नाश केवल श्री गणेश ही कर सकते हैं। फिर सबकी प्रार्थना पर श्री गणेश ने अनलासुर को निगल लिया, तब उनके पेट में बहुत जलन होने लगी। 
 
इस परेशानी से निपटने के लिए कई प्रकार के उपाय करने के बाद भी जब गणेशजी के पेट की जलन शांत नहीं हुई, तब कश्यप ऋषि ने 21 दूर्वा एकत्र कर समूह बनाकर श्री गणेश को खाने को दी। यह दूर्वा श्री गणेशजी ने ग्रहण की, तब कहीं जाकर उनके पेट की जलन शांत हुई।  श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा तभी से आरंभ हुई। 
Show comments

Chanakya niti : यदि सफलता चाहिए तो दूसरों से छुपाकर रखें ये 6 बातें

Guru Gochar : बृहस्पति के वृषभ में होने से 3 राशियों को मिलेंगे अशुभ फल, रहें सतर्क

Adi shankaracharya jayanti : क्या आदि शंकराचार्य के कारण भारत में बौद्ध धर्म नहीं पनप पाया?

Lakshmi prapti ke upay: लक्ष्मी प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए, जानिए 5 अचूक उपाय, 5 सावधानियां

Swastik chinh: घर में हल्दी का स्वास्तिक बनाने से मिलते है 11 चमत्कारिक फायदे

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

16 मई 2024 : आपका जन्मदिन

16 मई 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

seeta navami 2024 : जानकी जयंती पर जानें माता सीता की पवित्र जन्म कथा

अगला लेख