गणेश चतुर्थी 2019 आज : 7 गांठ लगाकर 1 डोरी बप्पा के चरण में रख दें, 21 दिन में बदल जाएगी किस्मत

Webdunia
श्री गणेश उत्सव आज 2 सितंबर 2019 से आरंभ हो गया है। समस्त पूजा विधि के साथ हम लाए हैं सटीक प्रयोग... बस एक धागा, डोरी, राखी या मौली लीजिए और उसमें 7 गांठ लगा कर श्री गणेश के चरणों में रख दें, पढ़ें विस्तार से ....
 
* गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्म मूहर्त में उठकर स्नान आदि से शुद्ध होकर शुद्ध कपड़े पहनें। आज के दिन लाल रंग के वस्त्र पहनना अति शुभ होता है। 
 
 * गणपति का पूजन शुद्ध आसन पर बैठकर अपना मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की तरफ करके करें।  
 
* पंचामृत से श्री गणेश को स्नान कराएं तत्पश्चात केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित कर कपूर जलाकर उनकी पूजा और आरती करें। उनको मोदक के लड्डू अर्पित करें। उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। 
 
 * श्री गणेश जी का श्री स्वरूप ईशाण कोण में स्थापित करें और उनका श्री मुख पश्चिम की ओर रहे। 
 
* अब एक सूत का कच्चा धागा लें। इस पर सात गांठ लगा कर उसे बप्पा के चरणों में रख दें, विसर्जन से पूर्व उस धागे को अपने पर्स में रख लें। इस उपाय से धन, दौलत, सुख, समृद्धि, सफलता, वैभव, सपन्नता, सौभाग्य, ऐश्वर्य और यश-कीर्ति हर समय आपके साथ रहेगी। विषम परिस्थिति में यही धागा आपका रक्षा कवच बनेगा।  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

Makar Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मकर राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

lunar eclipse 2025: वर्ष 2025 में कब लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा

Dhanu Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: धनु राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

अगला लेख