श्री गणेश स्थापना की सरल और प्रामाणिक विधि क्या है, कैसे करें घर में बप्पा का स्वागत

Webdunia
गुरुवार, 25 अगस्त 2022 (14:37 IST)
भादौ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 31 अगस्त 2022 बुधवार को गणेश चतुर्थी के दिन मूर्ति स्‍थापना होगी। सप्तमी या अनंत चतुर्दशी के दिन मूर्ति का विसर्जन होता है। आओ जानते हैं कि किस तरह घर पर लाते हैं गणेशजी की पूर्ति को और किस तरह करते हैं स्थापना।
 
पूजा गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त- ganesh sthapana ka shubh muhurat : सुबह 11:04:43 से दोपहर 13:37:56 तक। शाम 05:42 से 07:20 तक।
 
गणेश स्थापना की सरल और प्रामाणिक विधि ( Ganesh Sthapana ) : यहां पर सरल विधि बताई जा रही है। यदि आचमन आदि मंत्रों सहित विधि जानना हो तो आगे क्लिक करें... गणेश स्थापना संपूर्ण विधि
https://hindi.webdunia.com/ganesh-utsav-special/ganesh-sthapna-vidhi-in-hindi-117081900070_1.html
 
1. गणेशजी को प्रसन्न करना है तो प्रसन्नतापूर्वक और विधिवत रूप से श्री गणेशजी का घर में मंगल प्रवेश होना चाहिए। 
 
2. गणेशजी के आगमन के पूर्व घर और द्वार को सजाया जाता है और जहां उन्हें स्थापित किया जाएगा उस जगह की सफाई करके उसे पूजा के लिए तैयार किया जाता है।
 
3. बाजार जाने से पहले नवीन वस्त्र धारण करें, सिर पर टोपी या साफा बांधें, रुमाल भी रखें। पीतल या तांबे की थाली साथ में ले जाएं नहीं तो लकड़ी का पाट ले जाएं जिस पर गणेशजी विराजमान होकर घर में पधारेंगे। इसके साथ ही घंटी और मंजीरा भी ले जाएं। 
4. बाजार जाकर जो भी गणेशजी पसंद आए उसका मोलभाव न करें उसे आगमन के लिए निमंत्रित करके दक्षिणा दे दें। 
 
5. फिर गणेशजी की प्रतिमा को धूम-धाम से घर के द्वारा पर लाएं और द्वार पर ही उनकी आरती उतारें। मंगल गीत गाएं या शुभ मंत्र बोलें।
 
6. इसके बाद गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करने के पूर्व ईशान कोण को अच्‍छे से साफ करके कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से चार बिंदी बनाएं।
 
7. फिर एक मुट्ठी अक्षत रखें और इस पर छोटा बाजोट, चौकी या लकड़ी का एक पाट रखें। पाट पर लाल, पीला या केसरिये रंग का सूती कपड़ा बिछाएं।
 
8. चारों ओर फूल और आम के पत्तों से सजावट करें और पाट के सामने रंगोली बनाएं। तांबे के कलश में पानी भरकर उस पर नारियल रखें।
 
9. आसपास सुगंधित धूप, दीप, अगरबत्ती, आरती की थाली, आरती पुस्तक, प्रसाद आदि पहले से रख लें। 
 
10. ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु बोलकर गणेश जी एवं अम्बिका (सुपारी में मौली लपेटकर) को स्थापित करने के पूर्व निम्न मंत्र बोलकर आवाहन करें।
 
11. फिर स्थापना के दौरान यह मंत्र बोलें- गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं। उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।। आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।
 
12. अब परिवार के सभी सददस्य एकत्रित होकर ॐ गंगणपते नम: का उच्चारण करते हुए प्रतिमा को पाट पर विराजमान करें और गणपति बप्पा मोरिया का जयघोष करें।
 
13. अब गणेशजी की विधिवत पूजा करके आरती करें और प्रसाद बांटें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

वर्ष 2025 में क्या 1 लाख पार कर जाएगा शेयर मार्केट, जानिए क्या कहता है ज्योतिष

New Year 2025 Astrology: क्या वर्ष बदलने से बदलेगा आपका भाग्य, पढ़ें सटीक जानकारी

January Rashifal 2025: जनवरी 2025 से चमकेगा किन राशियों का भाग्य, पढ़ें 12 राशियों का मासिक भविष्‍यफल

मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और उत्तरायण का त्योहार कब रहेगा?

महाकुम्भ मेले में क्या होती है पेशवाई ? जानें आस्था के महापर्व से जुड़ी ये खास बात

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज इन 3 राशियों को मिलेंगे धनलाभ के अवसर, पढ़ें 03 जनवरी 2025 का दैनिक भविष्यफल

राम मंदिर के परकोटे पर रामायण कालीन चित्रित ब्राज मेटल प्लेट लगाने का कार्य शुरू

शेयर मार्केट पर कैसा रहेगा वक्री गुरु का प्रभाव?

03 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

03 जनवरी 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख